-दलितों का नारा-हम भाजपा के, भाजपा हमारी
-गरीबों तथा दलितों के हित में सर्वाधिक कार्य मोदी-योगी सरकार में
-राजनीतिक जमीन खिसकते देख मायावती के झूठ से देश व प्रदेश की जनता भ्रमित होने वाली नहीं
लखनऊ 08 अप्रैल 2018, भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष सांसद कौशल किशोर की प्रेसवार्ता के मुख्य बिन्दु‘-
मायावती जी कहना है कि दलितों को न्याय नहीं मिल रहा है, जबकि दलित, जनजाति, गरीब और पिछडों को जितना लाभ भाजपा नेतृत्व वाली देश व प्रदेश सरकार में हो रहा है उतना पहले कभी नहीं हुआ। इसी से घबराकर मायावती जी साजिश के तहत एक सुनियोजित षडयंत्र रचकर बीजेपी को बदनाम करने का प्रयास कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि जिन आईपीसी की धाराओं में सात साल तक की सजा है, उसमें तत्काल गिरफ्तारी नही की जाएगी बल्कि चार्जशीट दाखिल होने के बाद ही गिरफ्तारी हो ऐसा ही एससी-एसटी में विवेचना के बाद चार्जशीट दाखिल होती है फिर गिरफ्तारी होती है।
मायावती देश में भ्रम पैदा कर रहीं है कि बीजेपी दलित एक्ट को प्रभावित कर रही, है जबकि भाजपा किसी भी कीमत पर दलित एक्ट को कमजोर करने के पक्ष में नहीं है और इसका प्रमाण है कि केन्द्र की भाजपा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की। दलितों के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए भाजपा की केन्द्र सरकार एवं प्रदेश सरकार संकल्पित है।
मायावती जी को याद रखना चाहिए कि भारतीय जनता पार्टी ने तीन बार समर्थन देकर मुख्यमंत्री बनाया। जब सपाईयों ने उनकी जान लेने की कोशिश की तो भाजपा ने उन्हें बचाने का काम किया उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का काम किया।
एससी-एसटी आयोग को उत्तर प्रदेश में कमजोर करने का काम मायावती सरकार में हुआ। दलितों का सबसे ज्यादा नुकसान मायावती जी ने किया।
मायावती जी ने बाबा साहेब के मिशन को पीछे छोड़ा।
सपा की सरकार में एससी/एसटी अधिकारियों को पदावनत किया गया।
मायावती जी को डर है कि जैस 2014 तथा 2017 में दलितों ने साथ छोड दिया वैसे ही 2019 में दलित, वंचित पिछडे़ बीजेपी के साथ फिर न जाए, इसके डरकर मायावती जी गलत बयानी करके भ्रम फैला रही है।
सपा सरकार में दलित अफसर पूरी तरह साइडलाइन थे, लेकिन भाजपा सरकार में उन्हें पूरा महत्व मिल रहा है। सिर्फ पुलिस विभाग में ही 25 उच्च अधिकारी दलित समुदाय से हैं।
प्रमुख सचिव स्तर के एक दर्जन से ज्यादा अधिकारी दलित है। समाज कल्याण विभाग की ओर छात्रवृत्ति में दलितों का हिस्सा 70 प्रतिशत हो गया है, सपा मैं यह सिर्फ अल्पसंख्यकों को जा रहा था।
अति दलितों, अति पिछड़े 15,56 गाँव थे जिसमें पिछली सरकारों में कोई काम नहीं कराया गया था। इस सरकार में वहाँ सरकार की सारी सुविधाएँ पहुँचाई गई। विकास का काम कराया गया। पहली बार सौभाग्य योजना में उत्तर प्रदेश में 32 लाख कनैक्शन दलितों को दिए गए है। 37 लाख नए राशनकार्ड दलितों को बने हैं। 8 लाख 85 हजार प्रधानमंत्री आवास बने हैं उसमें से करीब 6 लाख 50 हजार आवास दलितों को मिले। 40 लाख शौचालय में से 36,00,000 दलितों को मिले।
देश की सबसे बड़ी किसान कर्ज माफी योजना में सबसे ज्यादा लाभार्थी दलित समुदाय से हैं। बसपा में इस बात की घबराहट है कि अगर इन योजनाओं के लाभार्थी परिवार सहित भाजपा की तरफ हो गए तो उनके लिए मुश्किल हो जाएगी। इसलिए 14 अप्रैल को बाबा साहब भीमराव रामजी आंबेडकर के जन्मदिवस पर दलित संगठन योगी आदित्यनाथ को दलित मित्र का सम्मान देना चाहते हैं।
मायावती को दलित हितों की चिंता हो रही है तो वह सपा से हाथ क्यों मिला रही हैं, जिसके नेताओं ने दलितों का सबसे ज्यादा उत्पीड़न किया था। जिसकी सरकार में दलित हितों को दफन कर दिया गया था। दलित अधिकारी पूरी तरीके से साइडलाइन कर दिए गए थे। जो दलित महापुरूषों के स्मारक तोड़ने की बात करते थे।
आज भारतीय जनता पार्टी की सरकार में दलितों को पूरा सम्मान है। मैं खुद दलित समुदाय से हूं। पुलिस प्रशासन सब जगह दलित समुदाय के अधिकारियों का पूरा सम्मान है। मायावती जी अगर अखबार ठीक से पढ़ें तो शायद उन्हें इतना असत्य बोलने की हिम्मत नहीं होती।
दलित आंदोलनों का इतिहास सैंकड़ो वर्ष पुराना रहा है। लेकिन कभी भी हिंसा का इतिहास नहीं रहा। हमेशा समाज ने अपनी बात शांतिपूर्ण तरीके से रखी है। पहली बार इसमें हिंसा होना इस बात का प्रमाण है कि इसके पीछे कुछ दलों के लोगों की सुनियोजित साजिश है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने स्पष्ट कहा है कि किसी निर्दोष को पुलिस बिलकुल परेशान नहीं करेगी। सिर्फ जिन लोगों के खिलाफ वीडियो फुटेज में हिंसा आगजनी करने के साक्ष्य मिलेंगे उन्हीं को चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी। शांतिपूर्ण आंदोलन करनेवाले किसी भी व्यक्ति पर कोई कार्रवाई नहीं होगी।
बाबा साहब भीम राव आम्बेडकर का मिशन जाति विहीन, शोषण विहीन समाज की स्थापना है, जिसको पूरा करने केे लिए केन्द्र और प्रदेश की भाजपा सरकार काम कर रही है। जैसे 50 करोड़ लोंगो को 5 लाख रूपये प्रतिवर्ष की दर से प्रतिवर्ष आयुष्मान योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा विशेषकर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा पिछडे वर्ग को मुफ्त दे रही है।
8 करोड़ लोंगो को उज्ज्वाला योजना के अन्तर्गत जिसमें सबसे अधिक अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनाजति तथा पिछडे लोगो को मुफ्त गैस कनेक्शन देना।
पंण्डित दीनदयाल उपाध्याय सौभाग्य योजना के तहत बीपीएल सूची द्वारा गरीबो को बगैर पैसे के विद्युत कनैक्शन देना।
2022 तक कच्चे मकान व झोपड़ पट्टी में रहने वाले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनाजति तथा पिछडे लोगों को प्रधानमंत्री आवास देना ।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 50 हजार से लेकर 10 लाख रूपये तक बगैर गारन्टी के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनाजति तथा पिछडे को ऋण मुहैया करना।
स्टैंडअप योजना के तहत प्रत्येक बैंक की शाखा से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा पिछडे वर्ग से महिला वर्ग से कम से कम एक उद्यमी को उद्यम के लिए 10 लाख रूपये का लोन देना।
सबसे ज्यादा लाभ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा पिछडे वर्ग के लोगों व गरीबों को को मिल रहा है। डाॅ. बाबा आम्बेडकर के मिशन को लोहिया मिशन, पंण्डित दीनदयाल अन्त्योदय मिशन पूरा करने का काम भाजपा की केन्द्र तथा प्रदेश की सरकार कर रही है। जिसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, गरीब पिछडे वर्ग के लोग बडे पैमाने से भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़ते चले जा रहे है। इससे विपक्षी दल घबरा कर 2 को अप्रैल भारत बंद का आवाह्न, एक साजिश के तहत किया गया।
वर्तमान में केन्द्र तथा प्रदेश की भाजपा सरकार एसटी एससी गरीबों के हितो की रक्षा कर रही है और पिछडों को पूरा सम्मान भारतीय जनता पार्टी दे रही है।