-पायलट परियोजना के रूप में शुरू होगी मोबाइल पशु चिकित्सा एंबुलेंस सेवा
राज्य सरकार पशुओं के चरागाह के रूप में इस्तेमाल होने वाली जमीन को भूमि माफिया के चंगुल से छुड़ाने के लिए जल्द ही प्रदेश स्तर पर कड़ी कार्रवाई शुरू करेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाक़ात के बाद प्रदेश के दो दिवसीय दौरे पर आए भारतीय जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष एसपी गुप्ता ने पत्रकारों से कहा कि पशुओं पर क्रूरता किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होने कहा कि पशु क्रूरता का संबंध किसी धर्म से नहीं है।
श्री गुप्ता ने कहा कि पशुओं को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए बोर्ड की पहल पर प्रत्येक राज्य में मोबाइल पशु चिकित्सा एंबुलेंस सुविधा शुरू की जा रही है। शुरुआत में इसे किसी एक जिले में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जाएगा। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री काजीघरों के कामकाज को कानूनी प्रावधानों के मुताबिक नियमित करने के लिए सहमत हुए और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया।
शहरी इलाकों में कुत्ते और बंदरों जैसे आवारा पशुओं की समस्या से निपटने की आवश्यकता पर बल देते हुए श्री गुप्ता ने कहा कि इनकी वंशवृद्दि को रोकने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। श्री गुप्ता ने कहा कि पशु पक्षियों के प्रति लोगों में सकारात्मक सोच उत्पन्न करने के लिए जागरूकता की आवश्यकता है।
गौशालाओं की चर्चा करते हुए श्री गुप्ता ने कहा कि निर्धारित से अधिक संख्या में गाएँ रखना भी पशु क्रूरता की श्रेणी में आता है। उन्होने कहा कि जल्लीकट्ट जैसे परंपरागत आयोजनों का संबंध पशु क्रूरता से नहीं है। इसको लेकर मीडिया में भ्रामक बातें आईं थीं।