लखनऊ 05 अप्रैल 2018,
ऽ मायावती जी की सरकार में 20 मई 2007 के आदेश तहत कहा गया कि अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के क्रियान्वयन में पर्याप्त सावधानी बरती जाय। यह भी देखा गया है कि कभी-कभी दबंग व्यक्ति आपसी वैमनस्य के कारण प्रतिशोध की भावना से प्रेरित होकर अनुसूचित जाति के व्यक्ति को मोहरा बनाकर झूठा मुकदमा दर्ज करा देते हैं अतः ऐसे मामलों में अविलम्ब सत्यता की पुष्टि करने के बाद मुकदमा दर्ज किया जाए। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम का दुरूपयोग किसी भी दशा में न हो। छोटे-मोटे मामलों का निस्तारण सामान्य अधिनियमों के अन्र्तगत किया जाये तथा गम्भीर मामलों-जैसे हत्या, बलात्कार आदि के मामलों में ही अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम के अधीन मुकदमा दर्ज किया जाए। बलात्कार के मामलों में चिकित्सकीय परीक्षण रिपोर्ट के फलस्वरूप प्रथम दृष्टया अपराध की पुष्टि होने पर ही अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अन्र्तगत मुकदमा दर्ज किया जाए। पुलिस महानिदेशक प्रत्येक माह विभिन्न जनपदों से अनुसूचित जाति और अनुसूचति जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अधीन दर्ज अभियोगों की सूची मॅगवा कर उसकी जानकारी अपने स्तर पर एकत्र कर प्रमुख सचिव, गृह को अवगत करायेंगे।
मायावती सरकार द्वारा इस तरह के आदेश पारित करके अब उसके ही विरोध का कारण दरकी हुई राजनीतिक जमीन को सहेजने की छटपटाहट है।
ऽ सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने त्वरित प्रतिक्रया देते हुए कहा था कि इस फैसले पर पुनर्विचार किये जाने की जरूरत है।
ऽ एससी-एसटी अत्याचार निवारण संशोधन विधेयक- एससी-एसटी अत्याचार निवारण संशोधन विधेयक 2015 बिल पारित किया जा चुका है। इसे लोक सभा और राज्य सभा, दोनों जगहों से पारित कराने का काम मोदी सरकार ने किया जो अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों पर अत्याचार को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैै।
ऽ दलितों के खिलाफ अपराध का कैटेगोराइजेशन- पहले दलितों के खिलाफ 22 तरह के अपराध हुआ करते थे, अब मोदी सरकार ने दलितों के खिलाफ होने वाले क्राइम को और अधिक इलेबोरेट कर दिया है, अब 123 तरह के अपराधों को कैटेगोराइज्ड किया गया है. दलितों के खिलाफ रजिस्टर किये गए किसी भी अपराध को 60 दिनों के अंदर हल करना होगा, हमारी सरकार ने दिसंबर 2015 में इस संबंध में एक विधेयक पास किया हुआ है. इतना ही नहीं।
ऽ पंचतीर्थ-यह मोदी सरकार है जिसने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर से जुड़े पंचतीर्थों जन्मस्थान महू, दीक्षा स्थल नागपुर, चैतन्य भूमि भूमि इंदु मिल मुंबई, शिक्षा भूमि लंदन और महापरिनिर्वाण स्थल दिल्ली में स्मारकों के निर्माण व जीर्णोद्धार की पहल की।
ऽ डॉ अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र-डॉ अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र का निर्माण 195 करोड़ रुपये की लगत से किया गया और इसे तय अवधि से पहले पूरा किया. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने विगत 7 दिसंबर को इसका उद्घाटन किया है।
ऽ स्टैंड अप इंडिया-मोदी सरकार के स्टैंड अप इंडिया योजना के तहत बैंक की प्रत्येक ब्रांच अपने क्षेत्र के एक दलित, एक महिला और एक आदिवासी को लोन देगी. सरकार इस योजना के तहत 2.5 लाख दलित उद्यमी तैयार करने का लक्ष्य रखा है
ऽ वेंचर कैपिटल फंड योजना- वेंचर कैपिटल फंड योजना के तहत अनुसूचित जाति के युवकों को 50 लाख से 15 करोड़ रुपये तक के ऋण दिए जा रहे हैं। इस योजना में ऋण के 80 फीसद की की गारंटी खुद भारत सरकार दे रही है। इन योजनाओं का लाभ उठाने वाले युवक कई अन्य युवाओं को भी रोजगार दे सकते हैं। इस योजना में दलित उद्यमियों के 136 करोड़ के 36 प्रोपोजल्स को मंजूरी दी जा चुकी है।
ऽ दलितों के लिए अलग से - मुद्रा बैंक-दलितों के लिए सूक्ष्म इकाई विकास पुनर्वित्त एजेंसी (मुद्रा) बैंक स्थापित करेगी, जिससे इन उद्यमियों को ऋण आसानी से उपलब्ध हो सकेगा।
ऽ सरकार की योजनाओं का सबसे ज्यादा लाभ दलितों को-मोदी सरकार द्वारा देश के विकास के लिए 112 योजनाओं की शुरुआत की है जिसका सबसे ज्यादा फायदा देश के दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को मिल रहा है।
ऽ एससी और ओबीसी छात्रों के लिए निःशुल्क कोचिंग-आय पात्रता की सीमा को 4.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 6.0 लाख रुपए किया गया।
ऽ अनुसूचित जातियों के लिए उत्कृष्ट श्रेणी शिक्षा-4.5 लाख रुपए से 6 लाख रुपए प्रति वर्ष। अनुसूचित जातियों के लिए राष्ट्रीय फैलोशिप के तहत, केंद्रीय सहायता को 25,000 रुपए प्रति छात्र से बढ़ाकर 28,000 रुपए प्रति छात्र कर दिया गया है।
ऽ प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश में 8 लाख आवास में 90 प्रतिशत दलितांे को दिये गये।
ऽ सौभाग्य योजना के तहत सबसे ज्यादा दलितों को बिजली कनेक्शन।
ऽ उत्तर प्रदेश में ओडीएफ के तहत बनाये गये 40 लाख शौयालयों में 95 प्रतिशत दलितो के घर में शौचालयों का निर्माण हुआ।
ऽ कानून व्यवस्था कमजोर होने से दलित, गरीब सताये जाते है। उनकी जमीनों पर कब्जें होते है। योगी राज में शक्त कानून व्यवस्था के चलते दलित, गरीब, वंचित, शोषित सभी निर्भय है।
ऽ 1562 बनटगियां गावों को राजस्व गांव घोषित करके योगी सरकार ने दलित व वंचितों को विकास की मुख्यधारा में लाने का काम किया।