अर्द्धसत्य
इस होली में भइया सुनी है अजब कहानी, टाप सुरक्षा में आतंकी मांग रहा बिरियानी।
बिरियारी के बाद वह मांगे कुल्फी और मलाई , देश के बच्चे दूध को तरसें, उल्टे होय पिटाई।
अब तक 36 (करोड़) खरच हो चुके, आगे कब क्या होगा,
जब जब वह मुंह खोले भइया मर जाये मेरी नानी। टाप सुरक्षा में आतंकी मांग रहा बिरियानी।।
कभी तो मांगे मनमोहन को कभी रसगुल्ले, देश के बच्चे भूखे बिलखे झूठे करते कुल्ले।
बीच बजरिया अगर उसे हम उल्टा टंगवा देते, दहशतगर्दी कम हो जाती, हम भी चैन से सोते।
पर, गल्ती मेरी, हमी नपुंसक, हम यह कर ना पाये।
दुनियां वाले मटक रहे है देख मेरी नादानी, कड़ी सुरक्षा में आतंकी मांग रहा बिरियानी।।
(लेखक)
रामदीन
जे-431, इन्द्रलोक कालोनी,
कृश्णानगर, कानपुर रोड, लखनऊ।