संघर्ष समिति संयोजकों का प्रदर्शन शुरू होते ही भारी पुलिस बल तैनात, लगा इलेक्ट्रिानिक मीडिया का जमावड़ा।
संघर्ष समिति के आहवान पर पूरे प्रदेश में 8 लाख आरक्षण समर्थक कार्मिकों ने सुबह 2 घण्टे लघु अवकाश लेकर किया प्रदर्शन उसके बाद काली पट्टी बांधकर किया काम।
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम, 1989 की शिथिलता व लम्बित पदोन्नति बिल को पास कराने को लेकर आज पूरे प्रदेश में आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के आहवान पर 8 लाख आरक्षण समर्थक कार्मिकों ने भारत बन्द का नैतिक समर्थन करते हुए सुबह 10 बजे से 12 बजे तक लघु अवकाश लेकर काली पट्टी बांधकर अपने गुस्से का इजहार करते हुए पूरे प्रदेश में जोरदार तरीके से संवैधानिक प्रदर्शन किया और 12 बजे के बाद सभी कार्यालयों में आरक्षण समर्थक कार्मिकों ने नियमित अपने कार्य को कालीपट्टी बांधकर निपटाया।
आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति,उ0प्र0 के संयोजक मण्डल द्वारा सुबह 9 बजे फील्ड हास्टल में एक बैठक बुलायी गयी थी। सभी विभागों के संयोजकों ने जैसे ही संघर्ष समिति,उ0प्र0 के संयोजक अवधेश कुमार वर्मा के नेतृत्व में काली पट्टी बांधकर और काले झण्डे लेकर संवैधानिक तरीके से सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करने के लिये आगे बढ़े उसी क्षण बड़े पैमाने पर पुलिस फोर्स पहुंच गयी। तत्पश्चात् संघर्ष समिति के संयोजकों ने वहीं पर 2 घण्टे तक जोरदार प्रदर्शन करते हुए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम, 1989 को पूर्व की भांति मजबूत बनाने के लिये केन्द्र की मोदी सरकार से अविलम्ब अध्यादेश लाकर उसे बहाल करने और साथ ही संसद का विशेष सत्र बुलाकर कठोर कानून बनाने की मांग उठायी। संघर्ष समिति के संयोजकों ने केन्द्र की मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पिछले 4 वर्षों से पदोन्नति में आरक्षण का बिल लम्बित है और केन्द्र की मोदी सरकार दलित कार्मिकों का उत्पीड़न कराने पर आमादा है। ऐसे में पुनः संघर्ष समिति केन्द्र की मोदी सरकार से पदोन्नति बिल अविलम्ब पास कराने की मांग करता है।