लखनऊ 28 मार्च 2018, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की जांच रिपोर्ट में पिछली अखिलेश सरकार द्वारा पैसों के दुरूपयोग का आरोप सिद्ध पाए जाने पर सपा को आडे़ हाथों लिया।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव अपने मुख्यमंत्रित्व काल में केन्द्र सरकार द्वारा सहयोग न किये जाने का रोना रोते रहे जबकि कैग जांच रिपोर्ट ने पूरी तस्वीर साफ कर दी है। भाजपा लगातार यह कहती रही है कि सपा सरकार निरंकुश ढंग से जनहित के कार्यो के लिए केन्द्र सरकार द्वारा गए पैंसो की बंदर बांट कर रही है। लेकिन सपा इन आरोपों को नकारती रही, अब कैग रिपोर्ट ने प्रमाणित कर दिया कि पंचायती राज संस्थानों द्वारा मनमाने ढंग से रकम खर्च की गई। तमाम वित्तीय अनियमितताएं की गई। शौचालय के निर्माण में घपले-घोटाले हुए। स्वच्छ भारत मिशन का अखिलेश यादव राजनैतिक तौर पर भी मजाक बनाते रहे और शहरों को खुले में शौच मुक्त व बेहतर सफाई के लिए आंवटित राशि सरकारी उपेक्षा व लापरवाही का शिकार हो गई। केन्द्र द्वारा दी गई राशि का उपयोग ही नहीं हुआ और अच्छी योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि कर वसूली में भी नगर निकायों में भारी अनियमितता रही। भाजपा के मेयरों ने इस पर कई बार आपत्तियां भी रखी, लेकिन तत्कालीन नगर विकास मंत्री आजम खान के हठीले रवैये के चलते अनियमितता बदस्तूर जारी रही। सपा शासन काल के कारण उत्तर प्रदेश की जनता को मोदी सरकार के लगभग तीन सालों की योजनाओं का अपेक्षित लाभ नहीं मिल सका। गांव, गरीब, किसान के विकास में बाधा बने रहने का खामियाजा अखिलेश यादव को सत्ता गंवा कर भुगतना पड़ा। अखिलेश यादव ने चुनाव परिणामों से कोई सबक न सीख कर जातिवादी गोलबन्दी को ही मजबूत हथियार समझ लिया है लेकिन आगामी लोकसभा चुनावों में जनता विपक्ष को चारों खाने चित कर विकास और सुशासन के मायने समझा देगी।