कानून का विरोध कर विपक्ष ने साबित किया कि सहानुभूति जनता के साथ नहीं बल्कि गुंडों और माफियाओं के साथ
कांग्रेस-सपा के लोगों ने बीएसपी सरकार में नहीं पास होने दिया था कानून, अब सपा से दोस्ती के बाद मायावती जी भी यूपीकोका के विरोध में
लखनऊ 27 मार्च 2018, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि यूपीकोका कानून पास करा कर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने आम लोगों की हिफाजत के लिए और यूपी की कानून व्यवस्था को ऐतिहासिक बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इस कानून को लेकर नकारात्मक भूमिका में रहे विपक्ष के साथियों ने यूपीकोका का पुरजोर विरोध कर ये साबित कर दिया कि उसकी सहानुभूति उत्तर प्रदेश की आम अवाम की बजाए उन संगठित माफियाओं और अपराधियों के साथ है जिन्होंने पिछले पंद्रह सालों के दौरान उत्तर प्रदेश में तांडव मचाया है और सपा-बसपा की सरकारों में हमेशा जिन्हें संरक्षण मिलता रहा। ये कानून उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था दुरूस्त करने में मील का पत्थर साबित होगा और इस कानून के लिए प्रदेश की जनता और श्री योगी आदित्यनाथ जी की सरकार बधाई की पात्र है।
शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि हैरानी की बात ये है कि खुद बीएसपी सरकार में बीएसपी सूप्रीमो मायावती ये कानून लेकर आई थीं लेकिन तब सपा और कांग्रेस के लोगों ने इस कानून को पास नहीं होने दिया और अब जबकि भारतीय जनता पार्टी इसी कानून को पास कराकर उत्तर प्रदेश के इतिहास में एक नई इबारत लिखने जा रही है तब सपा से दोस्ती के बाद बीएसपी के साथी भी इस कानून के खिलाफ आ खड़े हुए हैं। शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव से पहले ये वायदा किया था कि सरकार बनने के बाद हर हाल में कानून का राज कायम होगा, इसके लिए हर कदम उठाएगे और अब जनादेश मिलने के बाद इसी दिशा में सरकार अपना वायदा पूरा करने जा रही है।
प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि जनता चाहती है कि प्रदेश में राजनीतिक संरक्षण में पले बढे सफेदपोश माफियाओं और अपराधिक गिरोहों की कमर टूटे और प्रदेश की योगी आदित्यनाथ जी की सरकार इसी दिशा में काम करते हुए हर रोज अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने में जुटी हुई है। पुलिस और बेगुनाह लोगों पर गोली चलाने वाले अपराधियों की गोली का जवाब गोली से दिया जा रहा है और इसके परिणाम स्वरूप उत्तर प्रदेश में अब तक 12 सौ से ज्यादा मुठभेड़ें हो चुकी हैं और इन मुठभेडों में अब तक चालीस से ज्यादा अपराधी मारे भी जा चुके हैं। इन अपराधियों को संरक्षण देने वाले सफेदपोशों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने के लिए सरकार यूपीकोका का कानून लेकर आई थी पर विपक्ष ने इस कानून का स्वागत करने की बजाए इसका पुरजोर विरोध किया और ये साबित कर दिया कि उनकी सहानुभूति जनता के साथ नहीं बल्कि माफियाओं और गुंडों के साथ है।