लखनऊ 25 मार्च 2018, भारतीय जनता पार्टी प्रदेश प्रवक्ता डाॅ. मनोज मिश्र ने कहा कि मायावती जी को हार हताशा ने गेस्ट हाउस कांड के गुनहगारों की चैखट तक पहुॅचा दिया है। दरक चुकी राजनीतिक जमीन को संवारने की चाह में मायावती जी भरसक जद्दोजहद कर लें, लेकिन सच यही है कि बसपा सरकार में हुए घोटाले, लूट, खसोट के विरोध में हर बार जनता का जनादेश बसपा के विरोध में ही आएगा।
प्रदेश प्रवक्ता डाॅ. मनोज मिश्र ने कहा कि दलितों की जमीनें हथियाने वाले, उन पर अत्याचार करने वाले गुण्डांे पर बरदहस्त रखने वाली सपा से मायावती जी ने गठबंधन कर दलितों के विश्वास के साथ दगा किया है। बहुत लम्बे समय तक दलितों को अपनी जागीर समझने वाली मायावती जी ने दलितों के वोटों का सौदा कर ऊंची दर पर टिकट बेंचे। दलित वर्ग अब जान चुका है कि परमपूज्य डाॅ. भीमराव अम्बेडकर के बताए मार्ग का अनुसरण करके मोदी जी ही दलित, वंचित, शोषित वर्ग के आर्थिक सामाजिक और राजनीतिक समृद्धि और सहभागिता के लिए ईमानदार नियत से काम कर रहे है। डाॅ. अम्बेडकर की जन्म जयंती से ग्राम स्वराज अभियान इस दिशा में एक बड़ी पहल है।
डाॅ. मिश्र ने कहा कि अखिलेश यादव को मायावती ने तजुर्बेकार नहीं माना हैं जबकि राज्यसभा चुनाव में अखिलेश की तजुर्बेकारी से ही बसपा चारों खाने चित हुई। बसपा-सपा के राजनीतिक कौशल विपरीत ध्रुवों पर है जहां न विचारों में साम्यता है न कार्यकर्ताओं में सामंजस्य। मायावती जी सपा से गठबंधन करें, यह उनका व्यक्तिगत निर्णय है लेकिन प्रदेश की जनता को इतना बता दें कि मुलायम सिंह यादव सहित सपा तमाम नेताओं को क्या उन्होंने गेस्ट हाउस कांड के लिए माफ कर दिया है। बसपा-सपा मिलकर भी 2019 के चुनाव में शून्य पर ही रहेंगे।