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2019 में बीजेपी को हराने के लिए सपा-बसपा की दोस्ती कायम रहेगी-मायावती

Posted on 24 March 2018 by admin

सुरेन्द्र अग्निहोत्री ,लखनऊ. राज्यसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी को मिली हार के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाजपा पर चुनाव में धनबल और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने ये सब इसलिए किया ताकि सपा और बसपा के बीच एक बार फिर से दूरी बन जाये, मायावती ने कहा ,’मैं साफ कर देना चाहती हूं कि सपा-बसपा का मेल अटूट है. भाजपा का मकसद सिर्फ सपा-बसपा की दोस्ती को तोड़ना है, कांग्रेस पार्टी के साथ हमारे पुराने संबंध हैं जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी.’ उन्होंने कहा कि कल राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में क्रास वोटिंग करने वाले अपने विधायक अनिल सिंह को उन्होंने पार्टी से निलंबित कर दिया है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव अभी राजनीति में थोडा कम तजुर्बेकार हैं. अगर मैं उनकी जगह पर होती तो अपने उम्मीदवार के बजाय उनके उम्मीदार को जिताने की कोशिश करती. राज्यसभा चुनाव में हार के एक दिन बाद मायावती ने बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया। शनिवार को मायावती ने कहा, “कई विधायकों को ED और CBI के नाम पर डराया गया। बीजेपी का मकसद सिर्फ सपा-बसपा की दोस्ती को तोड़ना है।” बीएसपी प्रमुख ने कहा कि 2019 में बीजेपी को हराने के लिए चुनाव मजबूती से लड़ा जाएगा।मायावती ने कहा, “सपा-बसपा बीजेपी के खिलाफ लड़ते रहेंगे। 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए मजबूती से लड़ा जाएगा। राज्यसभा चुनाव में सपा और बसपा के विधायकों को वोट डालने से रोका गया। बीजेपी ने विधायकों पर पुलिस का खौफ दिखाकर धमकाया, उन्होंने डरकर बीजेपी को वोट दिया। हमारी पार्टी के विधायक अनिल सिंह ने धोखा दिया, हमने उन्हें निलंबित कर दिया है। कांग्रेस के सभी 7 विधायकों ने पार्टी के प्रत्याशी को वोट दिया।”मायावती ने योगी को मोदी का चेला बताया। उन्होंने कहा- बसपा अब अपनी नई रणनीति पर काम करेगी। गोरखुपर और फूलपुर में चुनाव में मिली हार के बाद राज्यसभा चुनाव में भाजपा ने साजिश रची। उन्होंने कहा, “अखिलेश का राजा भैया पर भरोसा करना सही नहीं है। अगर वो उस पर भरोसा नहीं करते और रणनीति पर काम करते तो आज परिणाम दूसरे होते। अभी वो राजनीति में नए हैं धीरे-धीरे मजबूत होंगे।”"मेरी प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद बीजेपी की नींद उड़ जाएगी। बीजेपी अब गेस्ट हाउस मामले को उठा रही है। हकीकत में गेस्ट हाउस कांड से अखिलेश का नाम जोड़ना ठीक नहीं है। जब यह कांड हुआ था तब अखिलेश राजनीति में नहीं थे।”उन्होंने कहा कि बीजेपी की योगी सरकार ने जिस पुलिस अधिकारी के सामने यह कांड हुआ था, उसे यूपी का डीजीपी बना दिया गया है।

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