लखनऊ 24 मार्च 2018, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि गठबंधन के बहाने गेस्ट हाउस कांड में बहन मायावती जी पर जानलेवा हमला कर उनके साथ दुर्व्यहार करने वाली समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर गठबंधन के नाम पर बीएसपी को धोखा दिया है। बीएसपी की मदद से गोरखपुर का चुनाव जीतने वाली समाजवादी पार्टी ने बीएसपी को धोखे में रखा और जब राज्यसभा चुनाव में वोट करने की बारी आई तब बीएसपी के उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर की जगह अपने उम्मीदवार को वोट दिलाकर बीएसपी प्रत्याशी को हरा दिया। देश और प्रदेश के लोग समाजवादी पार्टी के धोखेबाजी के इस चरित्र को बखूबी समझते हैं। किसे याद नहीं है कि समाजवादी पार्टी की अखिलेश यादव सरकार में किस तरह दलित महापुरूषों के नाम पर बने स्मारकों की ना सिर्फ बिजली पानी काट दी गई बल्कि इन इन स्मारकों में लगे सफाईकर्मियों को भी हटाकर इन्हें बर्बाद होने के लिए छोड़ दिया गया। भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्नाथ जी इन पार्कों और चैराहों पर लगी दलित महापुरूषों की मूर्तियों की रंगो रोगन कराई, वहां बिजली पानी का इंतजाम कराया और हर सरकारी दफ्तरों में संविधान निर्माता बाबा साहब की तस्वीरें लगवाईं।
शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि समाजवादी पार्टी से गठबंधन करने वाली बहन मायावती जी भला ये कैसे भूल गई कि समाजवादी पार्टी की सरकारों में किस तरह चुन-चुन कर दलित भाइयों को निशाना बनाया गया। उनका उत्पीड़न हुआ और थानों पर समाजवादी पार्टी के एजेंटों के तौर पर तैनात पुलिस अधिकारियों ने बेगुनाह दलितों को फर्जी मुकदमों में फंसाया, दलितों की जमीनों पर कब्जा करने वाले भी सपाई गुण्डे ही थे। मायावती जी और अखिलेश जी को अपनी राजनीतिक मजबूरियांे के चलते बेमेल गठबंधन करना पड़ा हो पर निचले स्तर पर शोषक और शोषित वर्ग में गठबंधन असम्भव है।