लखनऊ - उ0प्र0 की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती द्वारा विगत 15मार्च को लखनऊ में आयोजित रैली में अपने भाषण में यह कहना कि प्रदेश की अतिपिछड़ी सत्रह जातियों (कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिन्द, भर, राजभर, धीमर, बाथम, तुरहा, गोण्ड, माझी, मछुवा) को अनु-जाति में शामिल किये जाने के सन्दर्भ में उन्होने प्रधानमन्त्री जी को पत्र लिखा किन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुई, सरासर गलत, झूठ एवं तथ्यों से परे है। इसका मकसद इन अतिपिछड़ी जातियों को बरगलाना है।
उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता सुबोध श्रीवास्तव ने आज यहां जारी बयान में कहा कि सच्चाई तो यह है कि सुश्री मायावती ने प्रधानमन्त्री जी को 04मार्च,08 को जो पत्र लिखा उसके प्रत्युत्तर में केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मन्त्रालय द्वारा 11.4.08 को पत्र लिखकर राज्य सरकार से अनुरोध किया था कि तत्सम्बन्धी प्रकरण में सारी आवश्यक सूचनाएं निर्धारित प्रपत्र पर भरकर भेजें, ताकि उस पर कार्यवाही की जा सके। लगभग दो वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी तक उसका जवाब राज्य सरकार ने नहीं भेजा। सुश्री मायावती ने अपने भाषण में गलतबयानी करते हुए कांग्रेस पार्टी पर आरोप तो जड़ दिया, जबकि आरोप लगाने से पहले इन्हें अपनी जिम्मेदारी पूरी करनी चाहिए थी। स्पष्ट है कि मुख्यमन्त्री इस मुद्दे पर आवश्यक कदम उठाने के बजाए कोरी राजनीति कर रही हैं।
मुख्य प्रवक्ता ने कहाकि सुश्री मायावती की पूर्ववर्ती सरकार ने इस दिशा में जो कदम उठाया था, सुश्री मायावती ने सत्ता में आते ही उस पर रोक लगाने हेतु 6.6.2007 को प्रधानमन्त्री जी को पत्र लिख दिया। केवल स्वयं श्रेय लेने के उद्देश्य से ऐसा किया गया। पत्र में मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती द्वारा स्पष्ट तौर पर यह उल्लेख किया गया कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा इस दिशा में जो प्रयास किया गया है उसे रोककर यथास्थिति बनायी रखी जाये। इसके उपरान्त उन्होने 4मार्च2008 को पत्र लिखा था। अब जबकि केन्द्र से आए हुए पत्र को दो वर्ष बीत गये हैं, सुश्री मायावती ने इस मुद्दे को ठण्डे बस्ते में डाल रखा है।
श्रीवास्तव ने कहा कि कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाने से पहले सुश्री मायावती को प्रदेश की इन सत्रह अति पिछड़ी जातियों को अनु.सूचित जाति में शामिल करने के लिए पहले केन्द्र द्वारा मांगी गई सूचनाएं निर्धारित प्रपत्र पर भरकर अविलम्ब केन्द्र सरकार के पास प्रेषित कर अपनी जिम्मेदारी पूरी करनी चाहिए। कंाग्रेस पार्टी सुश्री मायावती द्वारा अपने भाषण में की गई गलतबयानी की कड़ी आलोचना करती है।