सरकार का एक वर्ष का हर्षश्भी फीका हो गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री,लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफे से रिक्त हुई गोरखपुर और फूलपुर संसदीय सीट पर उपचुनाव में भाजपा अपने बड बोलेेेपन और अहंकार के कारण चित हो गई। गोरखपुर में भाजपा के उपेंद्र दत्त शुक्ल को सपा के प्रवीण निषाद ने 21961 मत और फूलपुर में भाजपा के कौशलेंद्र पटेल को सपा के नागेंद्र पटेल ने 59613 मतों से हरा दिया। मतदाताओं को सपा और बसपा का मिलन पसंद आया। इस चुनाव परिणाम से सत्ताधारी भाजपा को इतना करारा झटका लगा कि भाजपा के प्रदेष कार्यालय में सन्नाटा पसर गया ै।गोरखपुर संसदीय सीट पर 1991 से लगातार भाजपा की जीत के रिकार्ड को समाजवादी पार्टी ने ध्वस्त कर दिया है, जबकि फूलपुर में भी भाजपा को 2014 में मिली पहली जीत का स्वाद कड़वा कर दिया। खाता खोलने के बावजूद भाजपा फूलपुर में पांच वर्ष का अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकी और बीच उपचुनाव में बाजी उसके हाथ से निकलकर सपा के पास चली गई। गोरखपुर में 1989, 1991 और 1996 में महंत अवेद्यनाथ और 1998 से 2014 तक योगी आदित्यनाथ को कोई चुनौती नहीं मिल सकी। पिछले लोकसभा चुनाव में योगी तीन लाख 12 हजार मतों से जीते थे लेकिन, जब उनकी सर्वाधिक कठिन परीक्षा थी तब भाजपा को मुंह की खानी पड़ी। फूलपुर लोकसभा
फूलपुर सीट पर 22 उम्मीदवार मैदान में हैं। फूलपुर सीट उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य के विधान परिषद की सदस्यता ग्रहण करने के बाद त्यागपत्र देने के कारण खाली हुई थी। बता दें कि फूलपुर उपचुनाव के लिए 37.4 फीसदी मतदान हुआ है। जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में 50.2 फीसदी मतदान हुआ था। इस तरह इस बार 12.4 फीसदी वोटिंग कम हुई है। गौरतलब है कि आजादी के बाद पहली बार मोदी लहर में फूलपुर में भाजपा का 2014 के लोकसभा चुनाव में खाता खुला था। केशव प्रसाद मौर्य ने भाजपा प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज की थी।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में हुए लोकसभा उपचुनाव में मतदान का प्रतिशत कम रहना ही हार का सबब बना। इन लोकसभा सीटों के नतीजे न सिर्फ यूपी बल्कि केंद्र की राजनीति के सियासी समीकरणों में भी बड़ा बदलाव लाएंगे। गोरखपुर-फूलपुर उपचुनाव से परिणाम ने यूपी की राजनीति ने नई करवट पैदा कर दी है। चिर प्रतिद्वंद्वी सपा-बसपा ने हाथ मिला कर बता दिया है कि आने बाले दिन भाजपा और सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए कठिन होगे। भाजपा के मिषन 2019 पर तो ग्रहण लगा ही सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार का एक वर्ष का हर्षश्भी फीका हो गया।वही दूसरी ओर उपचुनाव में जीत को सोशल जस्टिस की जीत बताकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने देश की महत्वपूर्ण लड़ाई में उनका सहयोग देने के लिए सभी को धन्यवाद दिया। आज सुबह से ही सपा के पक्ष में रुझान देखकर कार्यकर्ता उत्साहित रहे। अखिलेश यादव के सपा मुख्यालय पहुंचते ही उनका जोरदार स्वागत किया गया। लोग जय जय जय जय जय अखिलेश के नारे लगाते सुने गए। खूब रंग गुलाल उड़ा। हर तरफ होली जैसा नजारा दिखा। उन्होंने कहा कि आज के चुनाव परिणाम से राजनीतिक संदेश है कि एक मुख्यमंत्री और दूसरे उप मुख्यमंत्री को जनता ने हराया है। दोनों लोकसभा क्षेत्र के लाखों लोगों ने जिताया है। अखिलेश ने लखनऊ में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वह प्रदेश को विकास में आगे देखना चाहते हैं। 2017 में काम गिनाते रहे लेकिन भाजपा कह रही थी हमारे कारनामे बोल रहे हैं। ये भाजपा के लोग हमेशा समाज में जहर घोलने का काम करते हैं। भाजपा ने नौजवानों को रोज़गार नहीं दिया। किसानों की कर्जमाफी का ढोंग किया, उसी का जवाब जनता ने दिया है। इस मौके पर उनके गठबंधन को सांप छंछूदर कहे जाने पर दंश भी उन्हें सालता रहा। अखिलेश यादव ने अपने धन्यवाद ज्ञापन में सबको साथ लिया। सभी के प्रति आभार जताया। बोलते समय उनकी फहरिस्त काफी लंबी हो गई। इसमें गोरखपुर और फूलपुर की जनता, निषाद पार्टी, पीस पार्टी, वामदल, लोक दल, मज़दूर महिलाओं, युवाओं और बसपा नेता मायावती को भी शामिल किया। दलितो ने भी मदद की कहकर अखिलेश ने इसे सोशल जस्टिस की जीत करार दिया।