गर्मी की शुरूआत होते ही समूचे बुन्देलखण्ड में आम जनता पेयजल की समस्या से त्राहि-त्राहि कर रही है। टीवी चैनलों में जो रिपोर्ट आ रही है कि बुन्देलखण्ड में गड्ढा खोदकर लाल पानी को एकत्र कर जनता प्यास बुझाने के लिए परेशान है उससे साफ हो गया है कि प्रदेश और केन्द्र की सरकार को आम जनता से कोई सरोकार नहीं रह गया है।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं प्रवक्ता ओंकारनाथ सिंह ने आज जारी बयान में कहा कि अभी पिछले वर्ष प्रदेश में पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार में बुन्देलखण्ड में सूखे और पेयजल की किल्लत को देखते हुए केन्द्र सरकार ने बुन्देलखण्ड में खाली ट्रेन भेजे थे जो बिना पानी की सप्लाई किये ही काफी दिनों रेलवे ट्रैक पर खड़े रहने के बाद वापस चले गये थे। उसके बाद जब वर्तमान समय में केन्द्र में और पिछले 11 माह से भाजपा की प्रदेश में सरकार है तो इन्होने पेयजल की समस्या की ओर केाई ध्यान नहीं दिया, जिसके चलते अभी गर्मी की शुरूआत में ही बुन्देलखण्ड में आम जनता पेयजल के लिए दर-दर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर हो गयी है।
श्री सिंह ने कहा कि अभी हाल ही में लखनऊ में सम्पन्न हुए इन्वेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री ने बुन्देलखण्ड में उद्योग लगाने के नाम पर डिफेन्स कारीडोर स्थापित किये जाने की बात कही थी। आज बुन्देलखण्ड में पीने के लिए पानी नहीं है तो औद्योगिक इकाई को चलाने के लिए पानी की व्यवस्था कहां से करेंगे जो सबसे जरूरी चीज है, इसके लिए कोई भी प्लान नहीं बनाया। यह साबित करता है कि इन्वेस्टर्स समिट सिर्फ आम जनता का ध्यान अपनी विफलताओं से भटकाने के लिए किया गया था प्रदेश के विकास और जमीनी वास्तविकता से इसका दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है।
प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश सरकार किस कदर आम जनता के स्वास्थ्य के प्रति उदासीन है इसका जीता जागता उदाहरण झांसी के मेडिकल कालेज में देखने को मिला है जहां एक पीडि़त की टांग काटने के लिए चिकित्सकों द्वारा उसकी कटी हुई टांग को तकिये के रूप में इस्तेमाल किया गया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। यह साबित करता है कि स्वास्थ्य व्यवस्था प्रदेश में पूरी तरह चरमरा गयी है।