लघु उद्योग मंत्री द्वारा राष्ट्रीय वेण्डर विकास एक्सपो का शुभारम्भ
लखनऊ: दिनांक 09 मार्च, 2018
प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री सत्यदेव पचैरी ने कहा है कि राज्य सरकार प्रदेश से निर्यात को बढ़ावा देने तथा निर्यातकांे की सुविधा हेतु जल्द ही नई निर्यात प्रोत्साहन नीति प्रख्यापित करेगी। इस नीति को तैयार करने की कार्यवाही त्वरित गति से की जा रही है। प्रदेश में अनेक ऐसे उत्पाद है, जिनका बड़ी मात्रा में निर्यात करके अर्थ व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ओ0डी0ओ0पी0 योजना लागू की गई है। इसके क्रियान्वयन के लिए आगामी वित्तीय वर्ष हेतु 250 करोड़ रुपये की व्यवस्था भी की गई है। उन्होंने कहा कि एम.एस.एम.ई का जितना विकास होगा, प्रदेश की जी0डी0पी0 में उतनी ही वृद्धि होगी।
श्री पचैरी ने यह विचार आज यहां राष्ट्रीय वेण्डर विकास कार्यक्रम सह एम.एस.एम.ई. एक्सपो का शुभारम्भ करने के उपरान्त आयोजित समारोह में व्यक्त किये। इस दो दिवसीय एक्सपो-2018 का आयोजन एमएसएमई विकास संस्थान कानपुर एवं सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा इण्डियन इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन, लखनऊ के सहयोग से एसोसिएशन के प्रांगण में किया गया है। एक्सपो में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों/विभागों/बैंकों/एमएसएमई इकाइयों ने 100 स्टाल लगाकर अपने-अपने उत्पादों/सेवाओं का प्रदर्शित किया है।
लघु उद्योग मंत्री ने कहा कि जब तक प्रदेश के हर जिले में उद्यम स्थापित नहीं होगा, तब तक बेरोजगारी दूर नहीं होगी। इस क्षेत्र के सर्वांगीण विकास और वृहद स्तर पर रोजगार सृजन हेतु नई आकर्षक, पारदर्शी एवं व्यवहारिक एम0एस0एम0ई नीति जारी की गई है। सरकार की इस पहल का लाभ लोगों को मिलेगा और सभी जनपदों में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों की स्थापना के साथ ही छोटे-छोटे जनपदों में छुपी प्रतिभाएं निखर कर सामने आयेंगी। उन्होंने कहा कि निर्यातकों की सुविधा के लिए जल्द ही नई निर्यात प्रोत्साहन नीति भी प्रख्यापित की जायेगी। श्री पचैरी ने उद्यमियों से अपील की कि वे अपने उत्पादों निर्यात जैम पोर्टल के माध्यम से करें, ताकि उन्हें आवश्यक सुविधाएं/छूट मुहैया हो सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश के समग्र विकास मंे लघु उद्योग की जहां अहम भूमिका है, वहीं कृषि आधारित उत्पादों के माध्यम से प्रदेश के विकास को नई गति मिलेगी।
एम.एस.एम.ई. मंत्री ने कहा कि हस्तशिल्प को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न जनपदों में हस्तशिल्प मेलों का आयोजन किया जा रहा है। उद्यमियों के उत्पादों की मार्केटिंग में भी राज्य सरकार पूरा सहयोग प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि छोटे उद्यमियों और हस्तशिल्पियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सरकार कोई कोर कसर नहीं रखेगी। उत्तर प्रदेश के उत्पादों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की ख्याति दिलाने के लिए उद्यमियों को अपने उत्पाद की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने पर विशेष बल दिया है। सरकार का प्रयास है कि लघु उद्योगों के विकास में महिलाओं की भागीदारी बढ़े।
श्री उमेश चन्द्र शुक्ल, निदेशक, एम.एस.एम.ई. विकास संस्थान, कानपुर ने भारत सरकार द्वारा लागू पब्लिक प्रोक्योरमेन्ट पाॅलिसी के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि भविष्य में सरकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को अपनी कुल खरीद का 20 प्रतिशत सूक्ष्म एवं लघु उद्योग इकाइयो से खरीदना अनिवार्य है। 2017-18 में प्रोक्योरमेण्ट क्षेत्र में 1.12 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य था जिसमें लगभग 84 हजार करोड़ रुपये का प्रोक्योरमेण्ट हो गया है और उसमें सूक्ष्म एवं लघु उद्यमियों से लगभग 22.5 प्रतिशत क्रय किया गया है। परन्तु एस.सी./एस.टी क्षेत्र से यह लक्ष्य नहीं प्राप्त हो पाया है, इसलिए इस क्षेत्र में और प्रयास करने की आवश्यकता है। इसके लिए केन्द्रीय मंत्रालय द्वारा एससी/एसटी हब की स्थापना की गई है।
इस मौके पर श्री राजेश कुमार गुप्ता, महाप्रबन्धक, एन.टी.पी.सी., लखनऊ, श्री एस.बी. यादव, वैज्ञानिक-जी, डीएमएसआरडीई, कानपुर, श्री सर्वेश्वर शुक्ल, उपायुक्त, जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र, लखनऊ, सुश्री शिप्रा शुक्ला, चेयरपरसन, यू.पी.आई.डी., एवं श्री सुनील वैश्य, राष्ट्रीय अध्यक्ष, इण्डियन इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन ने भी अपने विचार व्यक्त किए।