प्राइवेट यूनिवर्सिटी भी अपने यहां सीसीटीवी कैमरे न केवल लगवाना
सुनिश्चित करें, बल्कि उसे हमेशा क्रियाशील रखे
- उप मुख्यमंत्री डा0 दिनेश शर्मा
लखनऊ: 09 मार्च, 2018
उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही प्राइवेट युनिवर्सिटी एक्ट ला रही है, जिसका उद्देश्य उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एकरूपता लाना है, न कि प्राइवेट यूनिवर्सिटी पर पाबन्दी। इसके द्वारा शिक्षा व्यवस्था में व्यापक बदलाव लाया जा सकेगा। सभी विद्यालयों के शैक्षिक सत्र एवं पाठ्यक्रम में समानता लायी जायेगी।
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री डा0 दिनेश शर्मा ने आज यहां इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के फिएस्टा-2018 समारोह में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। डा0 शर्मा ने कहा कि सरकार ने निजी क्षेत्रों को स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी खोले जाने का आमंत्रण दिया है, जिससे लोगों को अधिक से अधिक रोजगार योग्य बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम में योग, जी0एस0टी0 एवं अन्य सांस्कृतिक एवं खेल गतिविधियों को भी शामिल किया जाये, जिससे विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास हो सके। प्राइवेट यूनिवर्सिटी भी अपने यहां सीसीटीवी कैमरे न केवल लगवाना सुनिश्चित करें, बल्कि उसे हमेशा क्रियाशील रखें, जिससे नकल विहीन परीक्षा कराकर शिक्षा की गुणवत्ता बनाई रखी जा सके।
डा0 शर्मा ने कहा कि 01 अप्रैल, 2018 से एनसीईआरटी पाठ्यक्रम पर आधारित शैक्षिक सत्र प्रारम्भ होगा और साथ ही शैक्षिक कैलेण्डर भी जारी कर दिये जायेंगे। नकल रोकने के लिए जरूरी है कि विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम को पूरा कराया जाये। इसी को दृष्टिगत रखते हुए सरकार ने 220 दिन का शैक्षिक कैलेण्डर जारी किया है। इसके लिए जहां एक तरफ छुट्टियों को कम किया गया है, वहीं बोर्ड परीक्षा को भी कम दिनों में करवाया गया।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के बदलते हुए स्वरूप में इंटीग्रल यूनिवर्सिटी अपने उद्देश्यों को भली-भांति पूरा कर रही है। उन्होंने कहा कि विद्यालय का भवन भले ही पुराना हो लेकिन अध्यापक जरूर योग्य होना चाहिए, क्योंकि अध्यापक अपने सेवाकाल में न केवल छात्रों का भविष्य संवारता है, बल्कि देश के विकास की नींव भी तैयार करता है।
समारोह में श्री प्रवीर कुमार, चेयरमैन बोर्ड आॅफ रेवेन्यू ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षा ही मनुष्य को मनुष्य बनाती है और इस पुनीत कार्य को करने का दायित्व विद्यालय और यूनिवर्सिटी निभाती है। कार्यक्रम में वाइस चांसल्र एस0डब्लू0 अख्तर और डीन प्रो0 एम0ए0 खालिद एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने अपने विचार व्यक्त किये।