(1) देश के पूर्वोत्तर के राज्यों खासकर त्रिपुरा में नई सरकार बनने के बाद राजनीतिक हिंसा, नफरत व विघटन का जो नया ताण्डव शुरू किया गया है उसकी जबर्दस्त निन्दा व तीखी आलोचना।
(2) त्रिपुरा राज्य में सरकार के बनते ही माक्र्सवादी नेताओं पर हमले, उनके कार्यालयों में तोड़फोड़ तथा सार्वजनिक स्थलों में स्थापित लेनिन की मूर्तियों का सुनियोजित तौर पर विध्वंस करने के प्रतिशोध में बंगाल में श्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा को क्षति पहुँचाने के साथ-साथ तामिलनाडू राज्य में आत्म-सम्मान मूवमेन्ट के नेता श्री रामास्वामी नायकर पेरियार की भी मूर्ति के खण्डित किये जाने के मामले में बीजेपी व केन्द्र सरकार की खोखली बयानबाजी की कड़ी निन्दा।
(3) प. बंगाल की तृणमूल सरकार श्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी के मामले मेे तत्काल कानूनी कार्रवाई कर सकती है तो अन्य राज्यों की सरकारें भी त्वरित कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं सुनिश्चित कर सकती है?
(3) बीजेपी एण्ड कम्पनी को अपने लोगों पर नियंत्रण स्थापित करने के साथ -साथ इनकी केन्द्र सरकार को भी सभी राज्य सरकारों को सख्त निर्देंश देना चाहिये कि वे इस प्रकार की नफरत व हिंसा की आग को आगे बढ़ने से रोकने के लिये कानून का सख्ती से अनुपालन कराये ंना कि उन उपद्रवियों को खुला छोड़ दे।
(4) केन्द्र व बीजेपी की राज्य सरकारों से लोगों के जान-माल व मज़हब आदि के सुरक्षा की संवैधानिक गारण्टी को शत-प्रतिशत सुरक्षित रखने की माँग। देश चाहता है कि कम से कम अब सत्ता में आ जाने के बाद बीजेपी व आर.एस.एस. को राजनीतिक हिंसा व विध्वंस को अपना हथियार बनाने से बाज आना चाहिये: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी।
लखनऊ, 07 मार्च, 2018: पूर्वोत्तर के राज्यों में नई सरकार बनाने के बाद राजनीतिक हिंसा, नफरत व विघटन का जो नया ताण्डव शुरू किया गया है उसकी जबर्दस्त निन्दा व तीखी आलोचना करते हुये बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी ने कहा कि इस प्रकार की घृणित हिंसावादी राजनीति का ही परिणाम है कि देश में आज हर तरफ तनाव व अशांन्ति व्याप्त है और अव्यवस्था छायी हुई है। लोग अश्संकित व अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
त्रिपुरा राज्य में नई बीजेपी सरकार के बनते ही वहाँ माक्र्सवादी नेताओं पर हमले, उनके कार्यालयों में तोड़फोड़ तथा सार्वजनिक स्थलों में स्थापित लेनिन की मूर्तियों का सुनियोजित तौर पर विध्वंस करने के साथ-साथ तामिलनाडू राज्य में आत्म-सम्मान मूवमेन्ट के नेता श्री रामास्वामी नायकर पेरियार की मूर्ति को खण्डित करना आदि यह साबित करता है कि देश में नफरत, हिंसा व विघटन की राजनीति अब हर तरफ सर चढ़कर बोलने लगी है, क्योंकि आपराधिक मानसिकता वाले लोगों को अब कानून का खौफ बिल्कुल भी नहीं रहा है।
केन्द्र व बीजेपी की राज्य सरकारों से लोगों के जान-माल व मजहब के सुरक्षा की संवैधानिक गारण्टी को शत-प्रतिशत सुरक्षित रखना सुनिश्चित करने की माँग करते हुये उन्होंने कहा कि कम से कम अब सत्ता में आ जाने के बाद राजनीतिक हिंसा व विध्वंस को अपना हथियार बनाने से उन्हें बाज आना चाहिये क्योंकि इसका काफी ज्यादा दुष्परिणाम बीजेपी व आर.एस.एस. एण्ड कम्पनी को भी आगे भुगतना पड़ सकता है जिसको सहने की शक्ति उनमें नहीं है।
हालाँकि पश्चिम बंगाल की तृणमूल सरकार ने श्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा को अपमानित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुये छह लोगों को फौरन ही गिरफ्तार कर लिया है, परन्तु इस सम्बंध में बीजेपी के नेतागण हमेशा की तरह अनर्गल बयानबाजी करने में ही लगे हैं जबकि इनकी सरकार व इनके मंत्री आदि केवल खोखली बयानबाजी की नौटंकी ही कर रहे हंै जबकि असामाजिक तत्वों ने पूरे संगठित व सुनियोजित तौर पर हिंसा व मूर्तियों को खण्डित करने का अपराध किया है।
साथ ही आज हर तरफ से यह मांग उठ रही है कि बीजेपी को अपने लोगों पर हर प्रकार से नियंत्रण स्थापित करने के साथ-साथ इनकी केन्द्र सरकार को भी चाहिये कि वह सभी राज्य सरकारों को सख़्त निर्देंश दे कि इस प्रकार की नफरत व हिंसा की आग को रोकने में कानून का सख्ती से अनुपालन कराये ंना कि उन उपद्रवियों को ख्ुाला छोड़ दे। साथ ही हर स्तर पर कानून को अपना काम करने की आजादी होनी चाहिये, यह बी.एस.पी. की माँग है।
जारीकर्ता:
बी.एस.पी. राज्य कार्यालय उ.प्र.
12 माल ऐवेन्यू, लखनऊ