लखनऊ 01 मार्च, 2018। उ0प्र0 पावर कारपोरेषन ने सिगरौली में 3960 मेगावाट की तापीय परियोजना की स्थापना न करने के कारण उ0प्र0 पावर कारपोरेषन ने रिलायन्स पावर लि0 की 74 करोड की धरोहर धनराषि जब्त की।
ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा निर्गत प्रति स्पर्धात्मक बिडिंग गाईड लाइन्स के अन्तर्गत उ0प्र0 पावर कारपोरेषन लि0 द्वारा की गयी बिड प्रक्रिया के माध्यम से मेसर्स रिलायन्स पावर को उसके द्वारा सिगरौली जिले में विकसित की जाने वाली चितरंगी तापीय परियोजना (3960 मे0वा0) से 2456 मे0वा0 की ऊर्जा 25 वर्शों हेतु उपलब्ध कराने के लिये कार्यादेष वर्श 2011 में निर्गत किया गया था।
मेसर्स रिलायन्स पावर लि0 द्वारा कार्यादेष के अन्तर्गत परियोजना विकसित कर ऊर्जा की उपलब्धता न प्रारम्भ करने की दृश्टिगत मेसर्स रिलायन्स पावर लि0 को कार्यादेष षर्तों के अनुसार उन्हें निर्गत कार्यादेष को निरस्त करते हुये उनके द्वारा जमा की गयी 73.86 करोड़ रू0 की धरोहर धनराषि की बैंक गारन्टी को उ0प्र0 पावर कारपोरेषन द्वारा जब्त कर लिया गया है।
प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं उ0प्र0 पावर कारपोरेषन के अध्यक्ष आलोक कुमार का कहना है कि पावर कारपोरेशन लगातार यह कोशिश कर रहा है कि उसे सस्ती दरों पर बिजली प्राप्त हो। रिलायन्स पावर लि0 को कार्यादेष के अनुरूप समय से परियोजना स्थापना का कार्य प्रारम्भ करना चाहिए था। यह एक महत्वपूर्ण परियोजना थी यदि यह समय से चालू होती तो प्रदेष को 2456 मे0वा0 की ऊर्जा सस्ती दरों पर 25 वर्शों तक मिलती। इस परियोजना से उत्तर प्रदेश को 3 रूपये 70 पैसे प्रति यूनिट लेवलाईज्ड दर से ऊर्जा प्राप्त होती। लेकिन रिलायन्स पावर ने कोई कार्य प्रारम्भ नही किया जिससे प्रदेष और कारपोरेषन दोनो को अपूर्णीय क्षति हुई इसलिए 73.86 करोड की धरोहर धनराषि की बैंक गारन्टी को उ0प्र0 पावर कारपोरेषन द्वारा जब्त करने का निर्णय लिया गया है।