Categorized | लखनऊ.

विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन हेतु गठित समिति ने राज्यपाल को सौपी रिपोर्ट

Posted on 01 March 2018 by admin

लखनऊः 1 मार्च, 2018
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल एवं कुलाधिपति राज्य विश्वविद्यालय श्री राम नाईक को उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 में आवश्यक संशोधन किये जाने हेतु गठित सात-सदस्यीय समिति ने अपनी 21-पृष्ठीय रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष एवं विधि परामर्शी श्री राज्यपाल श्री एस0एस0 उपाध्याय, श्रीमती मधु जोशी, विशेष सचिव उच्च शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश शासन, डाॅ0 शैलेन्द्र कुमार तिवारी प्रभारी विधि प्रकोष्ठ उच्च शिक्षा निदेशालय उत्तर प्रदेश, श्री शैलेश कुमार शुक्ल कुलसचिव ख्वाजा मुईनुद््दीन चिश्ती उर्दू अरबी-फारसी विश्वविद्यालय लखनऊ उपस्थित थे। राज्यपाल/कुलाधिपति द्वारा रिपोर्ट का अध्ययन कर उचित सुझावों के साथ कार्यवाही हेतु राज्य सरकार को भेजी जायेगी।
ज्ञातव्य है कि 27 मई, 2017 को राज्यपाल/कुलाधिपति की अध्यक्षता में प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा के साथ राजभवन में एक बैठक का आयोजन किया गया था जिसमें राज्य विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हेतु तथा विश्वविद्यालयों की प्रशासनिक व अकादमिक संरचना से संबंधित विधियों में वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप संशोधन हेतु विचार-विमर्श किया गया। बैठक में राज्यपाल की प्रमुख सचिव सुश्री जूथिका पाटणकर, राज्यपाल के विधिक परामर्शदाता श्री एस0एस0 उपाध्याय तथा अपर मुख्य सचिव (उच्च शिक्षा) श्री संजय अग्रवाल भी सम्मिलित हुए थे। बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसरण में राज्य सरकार द्वारा 16 जून, 2017 को राज्यपाल/कुलाधिपति के विधिक परामर्शदाता श्री एस0एस0 उपाध्याय की अध्यक्षता में एक सात-सदस्यीय समिति का गठन किया गया था। समिति को विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन के लिए छः माह में रिपोर्ट देने तथा राज्य के समस्त निजी विश्वविद्यालयों के अलग-अलग अधिनियमों के स्थान पर एकल अधिनियम का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए कहा गया था। समिति के अन्य सदस्य (1) श्रीमती मधु जोशी, विशेष सचिव, उच्च शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश शासन, (2) डाॅ0 शैलेन्द्र कुमार तिवारी, प्रभारी विधि प्रकोष्ठ, उच्च शिक्षा निदेशालय, उत्तर प्रदेश, इलाहाबाद, (3) श्री शैलेश कुमार शुक्ल, कुलसचिव, ख्वाजा मुईनुद््दीन चिश्ती उर्दू अरबी-फारसी विश्वविद्यालय, लखनऊ, (4) प्रो0 बलराज चैहान, निदेशक, एमिटी विश्वविद्यालय, लखनऊ, (5) प्रो0 जे0वी0 वैशम्पायन, तत्कालीन कुलपति, छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर तथा (6) श्री कामेश शुक्ल, अपर विधिक परामर्शदाता राज्यपाल थे।
समिति ने कुल 44 बैठकें कीं जिसमें समिति के सदस्यों के अतिरिक्त उच्च शिक्षा के क्षेत्र से सम्बन्धित वर्तमान व पूर्व कुलपतियों/शिक्षकों/काॅलेजों के प्रबन्ध तन्त्र के पदाधिकारियों/ शिक्षाविदों/न्यायाधीशों/विधिवेत्ताओं/वित्त विशेषज्ञों जैसे महानुभावों से भी समिति ने विचार-विमर्श करके उनके बहुमूल्य सुझाव प्राप्त किये। समिति का कार्यकाल दो माह के लिए विस्तारित भी किया गया।
समिति ने उत्तर प्रदेश राज्य में निजी क्षेत्र में स्थापित समस्त राज्य विश्वविद्यालयों के उनके पृथक-पृथक अधिनियमों को समाप्त करके समस्त राज्य विश्वविद्यालयों के नियमन एवं नियंत्रण के लिए एकल अधिनियम बनाये जाने के लिए ’’उत्तर प्रदेश राज्य निजी विश्वविद्यालय विधेयक, 2017’’ का ड्राफ्ट भी तैयार किया, जिसे समिति द्वारा माह दिसम्बर, 2017 में ही राज्य सरकार को सौंप दिया गया था।

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

November 2024
M T W T F S S
« Sep    
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
-->









 Type in