‘प ्रणामी’ कार्यक्रम स्व0 गिरिजा द ेवी जी की शिष्या प्रख्यात
लोकगायिका श्रीमती मालिनी अवस्थी द्वारा आया ेजित किया जा रहा है
बनारस घराने की महान कला साधिका विदुषी स्व0 गिरिजा देवी जी की
स्मृति में 01 मार्च, 2018 का े सन्त गाडगे सभागार संगीत नाटक अकादमी परिसर,
गोमती नगर, लखनऊ में साय ं 06ः30 बजे से ‘प्रणामी’ कार्यक्रम का आया ेजन किया
जाएगा। यह कार्यक्रम स्व0 गिरिजा देवी जी की ‘गन्डाबन्ध’ एवं उनकी प्रिय शिष्या
प्रख्यात लोकगायिका श्रीमती मालिनी अवस्थी द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
सेनिया बनारस घराने की प्रख्यात ठुमरी गायिका गिरिजा देवी जी ने उप
शास्त्रीय गायन के प्रकारों का े संगीत के संसार में केन्द्रीय भूमिका दिलवायी। ठुमरी,
दादरा, चैती, कजरी और ढेरों गायिकी के प्रकार, गिरिजा जी के नाम का पर्या य माने
जाते हैं। उन्हा ेंने काशी की परम्परा के शास्त्रीय और लोक पक्ष में असाधारण संतुलन
बनाते हुए, बनारस घराने का महिमामण्डन किया है। रसूलनबाई, बड़ी मा ेतीबाई,
विद्याधरी, काशीबाई और सिद्धेश्वरी देवी की परम्परा का अन्तिम महान नाम गिरिजा
देवी है ं। अपने जीवन की अन्तिम अवस्था तक विदुषी गिरिजा देवी संगीत साधना में
लीन रहीं। उनके अवसान के साथ पूरब अंग गायिकी का एक युग विराम लेता ह ै।
‘प्रणामी’ कार्यक्रम में श्रीमती मालिनी अवस्थी फागुन के भावभीने अवसर पर,
विदुषी गिरिजा देवी की विनम्र शिष्या के रूप में उनके अविस्मरणीय रंग-स्वर रंगत
का े गुनते हुए अपनी स्वर अर्चना प्रस्तुत करेंगी।
सैनिया घराने ने ठुमरी गायन का े नयी ऊँचाइयों तक पहु ंचाने वाली विदुषी
गिरिजा देवी जी की संगीत साधना के दृष्टिगत उन्हें पद्मश्री, पद्मभूषण तथा पद्म
विभूषण पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। पीढ़िया ें का े सौभाग्य प्राप्त हा ेता है यदि
विदुषी गिरिजा देवी जैसी विभूतियों का सान्निध्य और किंचित ज्ञान के आचमन का
सौभाग्य मिले। श्रीमती मालिनी अवस्थी उन सौभाग्यशाली शिष्याओं में से है ं, जिन्हें
अपनी गुरू का भरपूर आशीर्वाद मिला है। वे विश्व में पारम्परिक गायन को पुनः
प्रतिष्ठित करने वाली श्रीमती मालिनी अवस्थी जी का े भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से
सम्मानित किया गया ह ै।