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देश में बढ़ते मानव संसाधन को ध्यान में रखकर बनायी जायें तकनीकी योजनाएँ बनायी जायें- हेमन्त राव

Posted on 28 February 2018 by admin

सुरेन्द्र अग्निहोत्री ,लखनऊ: 28 फरवरी, 2018
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर आज यहां विज्ञान भवन के सर सी0वी0रमन प्रेक्षागृह में आयोजित टेक्नालाॅजी विज़न-2035 की कार्यशाला के मुख्य अतिथि प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, के प्रमुख सचिव श्री हेमन्त राव ने प्रदेश व देश के वैज्ञानिकों एवं तकनीकी विदों का ध्यान आकर्षित कराते हुए कहा कि देश में बढ़ते मानव संसाधन को ध्यान में रखकर तकनीकी योजनाएँ बनायी जायें। इसी के साथ भारत के समूचे परिस्थितिकीय तंत्र में भी संतुलन रखना जरूरी है।
मुख्य अतिथि श्री हेमन्त राव ने इन्फारमेशन टेक्नालाॅजी की आवश्यकता, उपयोगिता और बढ़ती माँग के लिए अपने देश की प्रतिभाओं को सर्वोपरि बताते हुए भारत की तरक्की के लिए प्रशंसा करते हुए कहा कि शिशुओं की मृत्युदर, बच्चों व महिलाओं में संतुलित पोषण, स्वास्थ्य में कमी, विद्यालयों में बच्चों की अरूचि और असुविधाओं के साथ-साथ बढ़ती बेरोजगारी आदि की ओर विशेष रूप से ध्यान देकर टेक्नालाॅजी विज़न-2035 का खाका तैयार किया जाना चाहिए।
भारत सरकार के टाइफेक से आए डाॅ0 गौतम गोस्वामी ने पूर्व राष्ट्रपति और ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक डाॅ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम के द्वारा तैयार की गयी टेक्नालाॅजी विज़न-2020 के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज उनकी दिशा निर्देश में देश की प्रगति निरंतर जारी है। टाइफेक के अधिशासी निदेशक प्रो0 प्रभात रंजन ने अब तक तैयार की गयी तकनीकी कार्ययोजनाओं और उनकी प्रगति के साथ-साथ आवश्यकताओं के भविष्य पर अपनी स्लाइड्स की प्रस्तुतियों के माध्यम से स्पष्ट किया कि टेक्नालाॅजी विज़न-2035 देश के हर नागरिक के लिए तैयार की जा रही है। जिसमें हर भारतीय की सुरक्षा, समृद्धि और पहचान को प्रमुखता दी गयी है।
एक दिवसीय बौद्धिक कार्यशाला में देश व प्रदेश के तमाम ख्याति प्राप्त वैज्ञानिकों एवं तकनीकीविदों ने शिक्षा में गुणवत्ता, दैनिक जीवन में परिवर्तन, क्रियात्मक अवसरों के साथ-साथ कृषि एवं पोषण, स्वास्थ्य तथा जल आदि प्रमुख विषयों पर बदलती सम्भावनाओं, आवश्यकताओं और उपयोगिताओं पर विस्तार से चर्चा की और व्यवहारिक रूप से उपयोगी संस्तुतियों को तैयार किया जायेगा।
चार तकनीकी सत्रों में आयोजित कार्यशाला में सीमैप, एन.बी.आर.आई., सी.आई.एस.एच., के.जी.एम.यू., बीरबल साहनी इंस्टीट््यूट तथा राज्य सरकार के नियोजन विभाग, माध्यमिक व उच्च शिक्षा विभाग नगर विकास, चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, कृषि, खाद्य अपमिश्रण नियंत्रण एवं औषधि प्रशासन, महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार वन एवं पर्यावरण, दुग्ध उत्पादन, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, ग्रामीण विकास आदि सहित शैक्षिक, तकनीकी व चिकित्सा संस्थानों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया है। राज्य स्तर की इस कार्यशाला परिषद की संयुक्त निदेशक एवं पेटेंटसेल की प्रमुख डाॅ0 शशि राणा ने अतिथियों का स्वागत किया। अंत में सभी आमंत्रितों का धन्यवाद ज्ञापन परिषद के सचिव श्री आई.डी. राम ने किया।

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