छैनी हथोडी से कपउे काटकर बनता है संुंदर एप्लीक वर्क
6 दिवसीय सिल्क इंडिया 2018 का षुभारंभ
सुरेन्द्र अग्निहोत्री ,लखनऊ 28 फरवरी 2018। ‘हस्तषिल्पी‘ द्वारा षहर में 6 दिवसीय सिल्क इंडिया 2018 का षुभारंभ हुआ। इस प्रदर्षनी में पाकिस्तान की बार्डर पर बनने वाले अजरग प्रिंट के साथ ही बनारसी साडियांे पर कच्छ का बंधेज प्रदर्षित किया गया हैै। इसके साथ ही एक ही धागे को 5 बार बल देकर बनने वाली बलकलम साडी भी लोगों को अपनी ओर खींच रही है।
प्रदर्षनी के आयोजक हस्तषिल्पी के प्रबंधक श्री टी अभिनंद ने बताया कि इस सिल्क इंडिया 2018 का आयोजन 28 फरवरी से 5 मार्च तक कैसरबाग बरदरी , लखनऊ में किया जा रहा है। इस प्रदर्षनी में भारत के विभिन्न प्रांतो के सिल्क बुनकरो ने सहभागिता कर अपने उत्पादों का प्रदर्षन किया है। प्रदर्षनी में आए सिल्क व काॅटन पर कलमकारी कर विभिन्न डिजायने तैयार कर प्रदर्षित की है। इस डिजायनों में हाथांे की मुद्राए , चेहरो की भावभंगिमाओ आदि को उन्होने सुंदर ढंग से चित्रित किया है। बनारस से बल कलम की साडियां प्रदर्षित की है। इस साडी को बनाने में 25 दिन का समय लगता है। एक धागे को पांच बार बल देकर बुना जाता है इसलिए इसे बलकलम साडी कहते है। मेहनत ज्यादा होने के कारण ये थोडी मंहगी भी होती है।
दिल्ली से बारिक बंधेज की साडी लाई है। बनारसी साडी पर बंधेज का काम कच्छ में होता हैे एक साडी पर एक लाख गठाने लगाकर दो रंगों मंे रंगा जाता है फिर ये गठाने खोल दी जाती है। इस एक साडी को बनने में एक साल तक का वक्त लग जाता है। पाकिस्तान की बार्डर पर तनाव के बीच एप्लिक का सुंदर काम होता है। कई कपडों पर प्रिंट बनाकर उन्हे एक साथ छैनी हथोडी से काटा जाता है। इस एप्लिक वर्क की बडेषीट काफी प्रसिद्व है। इसी तरह बाडमेर का अजरग पिं्रट भी खास है।
प्रदर्षनी के आयोजक टी अभिनंद ने बताया कि पंजाब से आए बुनकर सिल्क पर फुलकारी के काम की साडियंा और सूट ,कष्मीर से कानी वर्क , आरी वर्क , पैपरमैसी और जामावर वर्क के सूट, दुपट्टे और पष्मीना षाॅल लाए है। पैपरमेसी वर्क जीरो साईज की निडील से होता है। और काफी बारिक काम है।
टी अभिनंद ने बताया कि सिल्क इंडिया का समापन 5 मार्च को होगा । कलाप्रेमी दोपहर 10.30 बजे से रात 9 बजे तक देष भर के कोने कोने से आए बुनकरो की बुनाई कला को देखने के लिए आमंत्रित है।