लखनऊ 27 फरवरी 2018, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की अगुवाई में पुलिस का मनोबल बढा हुआ है। प्रदेश में खूंखार और पेशेवर अपराधियों के मारे जाने से आम लोगों ने जहां राहत की सांस ली है वहीं अपराधियों में दहशत है और इसके चलते उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था में भी शानदार सुधार हुआ है। श्री त्रिपाठी ने कहा कि यही नहीं पुलिस का रवैया भी पहले से बेहद संवेदनशील हुआ है। डायल 100 के पुलिसकर्मी ने खुद विपदा में फंसे होने के बावजूद एक घायल की जान बचाकर संवेदनशीलता का उदाहरण प्रस्तुत किया है। एक तरफ अपराधियों का साहस से मुकाबला और दूसरी तरफ आम लोगों के लिए संवेदनशीलता दिखाने के लिए यूपी पुलिस तारीफ के काबिल है। लगातार हो रही मुठभेड़ों से साफ है कि प्रदेश में आम लोगों, बेगुनाहों और पुलिस पर जो अपराधी गोली चलाएंगे, वो पुलिस की गोली भी खाएंगे।
प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि महज 11 महीनों के भीतर 40 से ज्यादा खूंखार अपराधी मारे जा चुके हैं जबकि 13 सौ के करीब मुठभेड़ों में बदमाश जख्मी भी हुए हैं। इन साहसिक मुठभेडों में कई बहादुर पुलिस वाले भी जख्मी हुए हैं। मेरठ में बुजुर्ग महिला की नृशंस हत्या करने वाले बदमाशों को भी पुलिस ने महज पांच दिनों के भीतर ही मार गिराया। पुलिस के बढे हुए मनोबल का ही परिणाम है कि कुख्यात माफिया गिरोह अदालतों में न सिर्फ समर्पण कर रहे हैं बल्कि खुद को हथकड़ी में बांध कर लाने की गुहार लगा रहे हैं। ये वही माफिया है जो एक वक्त में आम नागरिकों से लेकर पुलिसकर्मियों तक पर गोली चलाने में आगे रहते थे और उनके मन में कानून का कोई खौफ नहीं था। लेकिन योगी आदित्यनाथ जी की सरकार ने ऐसे माफियाओं और अपराधियों का मनोबल पूरी तरफ तोड़ दिया है। ये अपराधी अब खौफ में हैं और जनता चैन की सांस ले रही है।
शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि एक तरफ जहां यूपी पुलिस बहादुरी का उदाहरण पेश कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन के चलते पुलिसकर्मियों में बढी संवेदनशीलता के तमाम वाकए देखने को मिल रहे हैं। हाल ही में सहारनपुर में डायल 100 के पुलिसकर्मी भूपेंद्र सिंह तोमर ने बेटी के निधन की दुखद सूचना मिलने के बाद भी जिस तरह घर वापस जाने की बजाए एक घायल नौजवान की जान बचाने का काम किया वह मानवता की मिसाल है। अपराधियों का मुकाबला करने के साथ ही साथ आमजन से संवेदनशीलता दिखा रहे पुलिसकर्मी शाबाशी के काबिल हैं। ऐसे पुलिसकर्मियों की सराहना होनी चाहिए।