लखनऊ - समाजवादी पार्टी प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा मुख्यमन्त्री मायावती ने राजनीति में नैतिकता और लोकतन्त्र की सभी मर्यादाओं को शर्मसार कर दिया है। 15 मार्च, 2010 के बाद 17 मार्च, 2010 को लखनऊ में हजार-हजार रूपये के नोटों की माला पहनकर उन्होंने यह जता दिया है कि उन्हें जनता की, जनभावनाओं की रत्तीभर परवाह नहीं है। वे अधिनायकशाही मनोवृत्ति का खुलेआम प्रदर्शन कर देश के मुद्रा कानूनों की भी अवहेलना कर रही हैं। उनके इस अमर्यादित, लोकतन्त्र का मजाक उड़ाने वाले आचरण की जितनी निन्दा की जाए कम है। भारत सरकार, रिजर्व बैंक और आयकर विभाग को इस मामले का संज्ञान लेकर तुरन्त कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए। प्रदेश के महामहिम राज्यपाल को भी अब मूक दर्शक बनकर नहीं रहना चाहिए। इस असंवैधानिक सरकार को बर्खास्त कर मुख्यमन्त्री एवं उनके मन्त्रियों को तत्काल जेल भेज देना चाहिए।
चौधरी ने कहा कि सुश्री मायावती ने दलितों को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल कर अपने को दौलत की महारानी बना दिया है। पहले अपने जन्म दिन पर वे जबरन वसूली का धंधा चलाती थी। अब काले धन को सफेद करने के लिए नोटों की माला गुन्थवाकर पहनने लगी है। इस माला में भ्रष्टाचार, शराब माफिया और लूट से हासिल नोट लगे हैं। यह कहना कि दलितो ने उन्हें प्यार से नोट भेंट किए हैं, सफेद झूठ हैं। देश-प्रदेश में 80 प्रतिशत लोग 20 रूपए रोज में जिन्दगी जी रहे हैं। उनके पास इतने लाखों के नोट कहॉ से आ गये हैं जहॉ घर में चूल्हा न जलता हो वहॉ से इस मंहगाई में नोटो की भरमार गरीबी का मजाक उड़ाना है। बहुजन समाज पार्टी के नेतृत्व ने अब आगे से सुश्री मायावती को फूलों की जगह सिर्फ नोटों की माला पहनाने का एलान कर साबित कर दिया है कि वह चलाचली की बेला में सरकार में रहते हुए जितना हो सके लूट लेने का मंसूबा रखती हैं। इस सरकार ने विकास कार्यों को ठेंगा दिखा दिया है और जनता की गाढ़ी कमाई को लुटाकर अपनी महत्वांकाक्षाओं को हवा देने में लगी है। उन्हें जनता के दु:ख-दर्द, बढ़ती मंहगाई और जर्जर बिजली तथा कानून व्यवस्था की कोई चिन्ता नहीं है।
समाजवादी पार्टी की मॉग है कि सुश्री मायावती को पहनाई गई मालाओं में नोटों के स्त्रोत की जॉच हो, कहॉ से कितना धन आया, इसकी भी जॉच हो। यदि तत्काल कार्यवाही नहीं होती है तो इसका मतलब होगा कि बसपा-कांग्रेस में मिली भगत है। बसपा की इस हिमाकत के पीछे केन्द्र सरकार का संरक्षण हो सकता है। बसपा धन के इस भोंड़ा प्रदर्शन से जनता एवं विपक्ष को चिढ़ाने का प्रयास कर रही हैं। समाजवादी पार्टी इस मसले को लेकर अब जनता के बीच जायेगी और जनता की अदालत में यह मामला निर्णय के लिए पेश किया जाएगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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