सुरेन्द्र अग्निहोत्री ,लखनऊ.राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में श्यूपी इन्वेस्टर्स समिट-2018श् (न्च्प्ै) का गुरुवार को समापन हो गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दूसरे दिन समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा- देश के 9 प्रधानमंत्री उत्तरप्रदेश से चुन करके संसद में गए हैं। उत्तर प्रदेश के विकास से ही भारत के विकास को पूर्णता मिलेगी। यूपी इंवेस्टर्स समिट उत्तर प्रदेश के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि हवाई परिवहन के लिए उत्तर प्रदेश ने एक महत्वाकांक्षी सिविल एविएशन प्रमोशन पॉलिसी लागू की है। वहीं, उत्तर प्रदेश में उपजाऊ जमीन, प्राकृतिक संपदा, देश की सबसे बड़ी युवा शक्ति और विशेष भौगोलिक स्थिति के कारण उत्तर प्रदेश अपार संभावनाओं का प्रदेश है।यूपी इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन उत्तर प्रदेश के विकास की दिशा में किया गया एक सफल प्रयास है।
समिट को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि, ष्प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वित्त मंत्री अरुण जेटली को देश की अर्थव्यवस्था को एक नए आयाम पर पहुंचाने के लिए बधाई देता हूं। वहीं, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी टीम को श्यूपी इन्वेस्टर्स समिट-2018श् के सफल आयोजन के लिए भी बधाई देता हूं। पिछले तीन साल में एफडीआई में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। जीएसटी, कैशलेश भुगतान ने देश में निवेश की संभवनाओं को बढ़ाया है। यह प्रदेश देश ही नहीं दुनिया में सबसे बड़े बाजार और मैनफोर्स के रूप में जाना जाता है। उत्तर प्रदेश के विशेष प्रयासों की बदौलत देश और विदेश के निवेशक प्रदेश में निवेश के लिए आ रहे हैं। गवर्नर राम नाईक ने कहा उत्तर प्रदेश में यह पहली बार यूपी इंवेस्टर्स समिट हुई है। माननीय राष्ट्रपति और माननीय प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखी जाएगी यूपी इंवेस्टर्स समिट।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा- आने वाले पांच-छह वर्षों में उत्तर प्रदेश में कम से कम 15-20 शहरों का इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़िया किया जा सकता है।
पिछले 11 महीने में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साबित कर दिया की उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था अच्छे ढंग से स्थापित हो सकती है।
जब निवेशक निवेश करता है। निवेशक के पास यह विकल्प है कि निवेश के लिए किस स्थान को चुने। जहां इकानॉमिक एक्टिविटी होती है, वहां रोजगार होता है। उसी रोजगार से शासन के पास ज्यादा पैसा आता है। इसी पैसे से इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाता है।
पिछले दो दिनों में जो चर्चा यहां हुई और पूरे देश में चर्चा हुई है। उससे यह बात समझ में आई है कि यूपी इंवेस्टर्स समिट के जरिए उत्तर प्रदेश के एजेंडा को बदलने का यह एक बहुत बड़ा प्रयास किया गया है।