01 मई से 15 मई तक हुई वरासतों का किया जायेगा निरीक्षण
लखनऊ: 20 फरवरी, 2018
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भूमिधरी अधिकार व अविवादित वरासत दर्ज कराये जाने के सम्बन्ध में 01 मार्च 2018 से 30 अप्रैल, 2018 तक एक विशेष अभियान चलाया जायेगा। इसके अंतर्गत निर्विवाद उत्तराधिकार प्राप्त करने वाले तथा असंक्रमणीय से संक्रमणीय भूमिधर का अधिकार प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के नाम अधिकार अभिलेख (खतौनी) में दर्ज कराया जायेगा। अभियान में वरासत एवं असंक्रमणीय भूमिधर दर्ज किये जाने से सम्बन्धित कृत कार्यवाही की सूचना राजस्व परिषद की वेबसाइट इवतण्नचण्दपबण्पद पर निर्धारित प्रारूपों पर अपलोड कराई जायेगी।
प्रमुख सचिव राजस्व श्री सुरेश चन्द्रा की ओर से जारी शासनादेश में समस्त जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि खतौनी में दर्ज खातेदारों की मृत्यु/ऐसी स्त्री जिसने उत्तराधिकार में भूमि प्राप्त की है, के विवाहित/पुनर्विवाहित होने की दशा में उनके निर्विवादित उत्तराधिकारियों के नाम समय से खतौनी में अंकित किया जाएगा। इसके साथ ही जिन असंक्रमणीय अधिकार वाले भूमिधरों का पट्टा प्राप्त किए हुए 05 वर्ष या इससे अधिक के समय की अवधि हो गई है, उन्हें जांच करने के पश्चात् अधिकार अभिलेख (खतौनी) में संक्रमणीय अधिकारों वाला भूमिधर दर्ज किया जायेगा।
जारी शासनादेश के अनुसार अभियान की समाप्ति पर जिलाधिकारी द्वारा प्रत्येक लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, नायब तहसीलदार, तहसीलदार, उप जिलाधिकारी से उनके क्षेत्र के अंतर्गत स्थित राजस्व ग्रामों में निर्विवाद उत्तराधिकार एवं असंक्रमणीय से संक्रमणीय भूमिधर दर्ज किये जाने का कोई भी प्रकरण दर्ज करना अवशेष नहीं है, इसका प्रमाण पत्र प्राप्त किया जायेगा।
अभियान के अन्त में 01 मई, 2018 से 15 मई, 2018 तक जनपद की प्रत्येक तहसील के राजस्व ग्रामों के 02 प्रतिशत जिलाधिकारी, 05 प्रतिशत अपर जिलाधिकारी/मुख्य राजस्व अधिकारी, 10 प्रतिशत उप जिलाधिकारी तथा 20-20 प्रतिशत तहसीलदार व नायब तहसीलदार द्वारा इन तथ्यों की जांच कराई जायेगी कि कोई भी प्रकरण दर्ज करने हेतु अवशेष नहीं है। यदि जांच में यह पाया जाता है कि किसी ग्राम में संबंधित लेखपाल व राजस्व नरीक्षक द्वारा अविवादित वरासत एवं असंक्रमणीय से संक्रमणीय भूमिधर दर्ज किये जाने का कोई मामला बिना समुचित कारण के दर्ज नहीं किया गया है, तो उनके विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनिक कार्यवाही की जाये। इस सम्बंध में शासन के नामित नोडल अधिकारी द्वारा क्षेत्रीय भ्रमण के दौरान इन दोनों बिन्दुओं पर भी निरीक्षण किया जाएगा। इसके अतिरिक्त शासन द्वारा पृथक से भी टीम बनाकर निरीक्षण किया जाएगा। यदि निरीक्षण में अविवादित विरासत एवं असंक्रमणीय से संक्रमणीय भूमिधर दर्ज होना नहीं पाया गया तो सम्बंधित लेखपाल, नायब तहसीलदार, तहसीलदार एवं उपजिलाधिकारी का भी उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाये।