सैनिक हमें सुरक्षित रहने का अहसास कराते हैं–राज्यपाल
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कड़े परिश्रम, प्रमाणिकता और पारदर्शिता से सफलता
प्राप्त होगी- श्री नाईक
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लखनऊ 15 फरवरी, 2018
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने आज लखनऊ पब्लिक कालेज में सीमा जागरण मंच द्वारा आयोजित वाद-विवाद एवं निबन्ध प्रतियोगिता के विजेता छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति पत्र एवं नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया। यह प्रतियोगिता तीन श्रेणी क्रमशः कक्षा 5 से 8, कक्षा 9 से 12 तथा स्नातक से परास्नातक तक के विद्याथियों के मध्य आयोजित की गई थी, जिसमें लगभग प्रदेश के 80 हजार से छात्र-छात्राओं ने सहभाग किया था। पुरस्कार वितरण समारोह में विशिष्ट अतिथि संघ के सह प्रांत संघचालक डाॅ0 हरमेश चैहान, राज्य मंत्री श्रीमती स्वाती सिंह, सांसद श्री कौशल किशोर, सीमा जागरण मंच के उपाध्यक्ष श्री भानु प्रताप सिंह, कार्यक्रम के संयोजक डाॅ0 श्रीकांत शुक्ला सहित मंच पर अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि देश की सीमाओं का सुरक्षित होना देश की अस्मिता और सम्मान के लिये आवश्यक है। सैनिकों के त्याग और बलिदान के कारण ही देशवासी सुख और शांति का जीवन व्यतीत करते हैं। सेना देश के लिये क्या करती है यह जानकार समाज में एक भावनात्मक जुड़ाव पैदा होगा। विपरीत और विषम परिस्थितियों से जुझकर हमारे सैनिक हमें सुरक्षित रहने का अहसास कराते हैं। पर्यटक जिस तरह ऐतिहासिक स्थल देखने जाते हैं उसी तरह देश पर शहीद होने वालों के सम्मान में निर्मित स्मृतिका को भी देखें। छात्र-छात्राओं और युवाओं को सेना और सेना के शहीदों से जुड़े स्थल दिखाये जायें ताकि उन्हें देशभक्ति की प्रेरणा मिले। उन्होंने कहा कि सेना के लोग अपने शहीदों को कितना सम्मान देते हैं स्मृतिका जाकर यह देखने को मिलता है।
श्री नाईक ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि पुरस्कार प्राप्त करने वाले 18 विद्यार्थियों में 14 छात्राएं हैं। महिलाएं हर क्षेत्र में आगे आ रही हैं। उन्होंने बताया कि 1954 में जब उन्होंने बी0काम0 परीक्षा पास की थी तब 150 छात्रों में केवल 4 छात्राएं थी। आज 45 प्रतिशत छात्राएं स्नातक कक्षाओं में हैं। कुलाधिपति के तौर पर उन्होंने पाया है कि उत्कृष्ट प्रदर्शन कर 65 प्रतिशत पदक छात्राएं प्राप्त कर रही हैं। आज हर क्षेत्र में महिलाएं प्रतिनिधित्व कर रही हैं। पूर्व में छात्राएं केवल नर्सिंग और शिक्षण के क्षेत्र में सेवा करती थीं जबकि अब प्रशासनिक सेवा से लेकर सेना तक में महिलाएं हैं। हमारे देश की रक्षा मंत्री भी महिला है। उचित वातावरण मिलता है तो महिलाएं आगे बढ़ सकती हैं। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण के लिए यह एक शुभ संकेत है।
राज्यपाल ने कहा कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिये विद्यार्थी अपने धर्म का पालन करें। विद्यार्थी का धर्म पढ़ाई और ज्ञान अर्जन करना है। पढ़ाई के साथ-साथ विद्यार्थी अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें क्योंकि आगे बढ़ने के लिये ज्ञान और स्वास्थ्य दोनों जरूरी हैं। कड़े परिश्रम, प्रमाणिकता और पारदर्शिता से सफलता प्राप्त होगी। असफलता से घबराये नहीं बल्कि आत्म परीक्षण करके दोबारा प्रयास करें। जीवन के लक्ष्य की ओर जाते समय चरैवेति-चरैवेति के मंत्र को आत्मसात करें। उन्होंने कहा कि देश को आगे ले जाने में विद्यार्थी अपनी भूमिका का निर्वहन करते हुए अच्छे नागरिक बनने का प्रयास करें।
विशिष्ट अतिथि डाॅ0 हरमेश चैहान ने सीमा जागरण मंच के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि बच्चों को देशभक्ति के संस्कार दें जिससे वे अपने कर्तव्य को जाने। महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, वीर सावरकर ने देश की स्वतंत्रता के लिये जो प्रयास किया उसके प्रति समाज की भी जिम्मेदारी बनती है। सीमा सुरक्षा में समाज की भागीदारी से सेना को बल मिलता है। उन्होंने कहा कि देश की सीमा सुरक्षित है तो देशवासी भी सुरक्षित रहेंगे।
राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती स्वाती सिंह ने कहा कि सेना प्रत्यक्ष रूप से काम करती है और परोक्ष रूप से सीमा जागरण मंच काम करता है। उन्होंने सीमा जागरण मंच के कार्यकलापों की सराहना करते हुए कहा कि बच्चे देश के भविष्य हैं इस दृष्टि से बच्चों के भविष्य को मजबूत करने की भी आवश्यकता है।
कार्यक्रम में सांसद श्री कौशल किशोर ने भी अपने विचार रखे। डाॅ0 श्रीकांत शुक्ला ने स्वागत उद्बोधन दिया तथा श्री अष्टभुजा पाठक ने धन्यवाद ज्ञापित किया। पुरस्कार पाने वालों में सुश्री राखी श्रीवास्तव, तन्मय गुप्ता, साक्षी, जान्वही शुक्ला, देवांशी, सुधाकर वर्मा, प्रिया बाजपेई, निधि आर्या, परिमलिक, पलक गुप्ता, हिमांशु रावत, अंशिका, प्राची दुबे, समीक्षा चैहान, ज्योति साहू, प्रज्ञा मिश्रा, जागृति सिंह आदि शामिल हैं। सांत्वना पुरस्कार सुश्री प्रिया, मोहम्मद आजम खां व सानिया खातून को मिला। कार्यक्रम में अन्य पदाधिकारियों व निर्णायक मण्डल के सदस्यों को सम्मनित किया गया।