ललितपुर - बच्चों के पेट का निबाला छीनने वाले नौ ग्राम पंचायत के प्रधानों पर प्रशासन का शिकंजा कसता जा रहा है। नौ में से एक ग्राम पंचायत पर एफआईआर दर्ज करवाकर प्रशासन ने जता दिया कि शासन की योजना से खिलवाड़ करना अब आसान नहीं होगा। इस कार्यवाही के बाद अब शेष आठ ग्राम पंचायतों पर कार्यवाही होना शेष है।
जिलाधिकारी के तेवरों को देखते हुये लग रहा है कि उन पर भी जल्द ही गाज गिरने वाली है। एफआईआर के डर से कुछ प्रधान तो अपने आकाओं की शरण में पहुंच गये तो कुछ लखनऊ जाकर साठगाठ बिठाने में मशगूल हो गये, लेकिन इस बार लगता नहीं कि वे कार्यवाही से बच पायेंगे। यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो इस माह के अन्त तक सभी दोशी ग्राम प्रधानों पर एफआईआर की कर्यवाही हो जायेगी।
उल्लेखनीय है कि परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को कुपोषण और उनका विद्यालय में अधिक से अधिक ठहराव हो, इसलिये सरकार द्वारा मध्यान्ह भोजन योजना लागू की गई । योजना का लाभ बच्चों को अपने कब्जे में कर लिया। बच्चों के हिस्से का निबाला छीनकर खाने वाले ग्राम प्रधानों की करतूतों की जानकारी जब जिलाधिकारी रणवीर प्रसाद को हुई तो उन्होनें इस मामले को गम्भीरता से लिया और ऐसी ग्राम पंचायतों की सूची मागी, जहा पर मध्यान्ह भोजन योजना में भारी गड़बड़ी हुई। शिक्षा विभाग द्वारा ऐसी नौ ग्राम पंचायतों की सूची जिलाधिकारी को उपलब्ध करा दी, जिन पर मध्यान्ह भोजन योजना का लाखों रूपया बकाया था। जिलाधिकारी ने इस मामले को जिला पंचायत राज अधिकारी को सौपते हुये जांच के पश्चात दोषी ग्राम प्रधानों के खिलाफ कठोर कार्यवाही के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी से निर्देश मिलने के लगभग एक पखवाड़े तक जिला पंचायत राज अधिकारी और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एक - दूसरे को जानकारियों का आदान-प्रदान किया गया। इस बीच कुछ क्षण ऐसे भी आये जब दोनों अधिकारियों के बीच आपसी सामंजस्य नहीं बैठा, लेकिन तमाम जांच करने के बाद जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा मड़ावरा ब्लाक की कारीटोरन ग्राम पंचायत की महिला प्रधान को मध्यान्ह भोजन योजना में दोषी ठहराया और पुलिस थाने में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी। इस पंचायत के 2 विद्यालयों पर 1 लाख 6 हजार 162 रूपया बकाया होने के बावजूद मध्यान्ह भोजन नहीं बनाया जा रहा था। प्रधान के खिलाफ हुई इस कार्यवाही से हड़कम्प मच गया है। इससे एक ओर जहां अनेक विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन की स्थिति में मामूली सुधार आया है, वहीं अन्य दोशी ग्राम प्रधान अपने आकाओं से नजदीकिया बढ़ाने में जुट ये है। देखना दिलचस्प होगा कि शेष आठ ग्राम प्रधानों के खिलाफ क्या कार्यवाही होती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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