Categorized | लखनऊ.

डॉ शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय में स्वामी दयानंद सरस्वती की जयंती पर व्याख्यान आयोजित

Posted on 13 February 2018 by admin

दयानन्द थे राष्ट्रवाद के अग्रदूत - डॉ आशुतोष पाण्डेय
लखनऊ: 13 फरवरी, 2018
डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ के हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषा विभाग तथा भोजपुरी अध्ययन एवं अनुसंधान केन्द्र के संयुक्त तत्त्वावधान में स्वामी दयानंद सरस्वती की जयंती के उपलक्ष्य में भारतीय लोकजागरण एवं राष्ट्रवाद के अग्रदूत स्वामी दयानन्द सरस्वती पर एक व्याख्यान में डाॅ. आशुतोष पाण्डेय ने बतौर मुख्यवक्ता कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती भारतीयता एवं भारतीय संस्कृति पर गर्व महसूस करते थे। इसी भारतीयता को वे गुलामी से मुक्त कराना चाहते थे, ताकि उस पर गर्व किया जा सके। उन्होंने स्वराज्य एवं लोकतन्त्र की मांग करते हुए राष्ट्रीयता को प्रोत्साहित कर राष्ट्रभाषा हिन्दी का समर्थन किया।
आर्थिक स्वतन्त्रता हेतु स्वदेशी वस्तुओं के प्रयोग पर बल देते हुए डॉ पाण्डेय ने कहा कि स्वामी दयानन्द सरस्वती ने धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक विचारों की अज्ञान निद्रा में सोये हुए भारत को जागृत किया। आर्य समाज की स्थापना कर राष्ट्रीय पुनर्जागरण का कार्य किया। वस्तुतः स्वामी दयानन्द सरस्वती राष्ट्रवाद के अग्रदूत थे। दयानंद सरस्वती जी ने अंग्रेजों के खिलाफ भी कई अभियान चलाए।
हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषा विभाग के अध्यक्ष डॉ. वीरेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि सत्य एवं सत्याग्रह के लिए स्वामी दयानंद सरस्वती हमेशा संघर्षरत रहे। उन्होंने अपने लक्ष्य के लिए कभी हेय और अवांछनीय साधनों का प्रयोग नहीं किया। स्वामी दयानन्द भारतीय धर्म और संस्कृति के नवीनतम बौद्धिक संस्करण थे।
कार्यक्रम को डॉ नरेंद्र प्रताप सिंह तथा डॉ यशवंत कुमार वीरोदय ने भी सम्बोधित किया।

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

November 2024
M T W T F S S
« Sep    
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
-->









 Type in