लखनऊ 13 फरवरी 2018, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि विधानसभा में हल्ला हंगामा और बवाल कर विपक्ष लोकतांत्रिक परंपराओं का माखौल उड़ा रहा है और नहीं चाहता है कि जनहित के मुद्दों पर सदन में सकारात्मक चर्चा का वातावरण बन सके। श्री त्रिपाठी ने कहा कि एक तरफ जहां मुख्यमंत्री जी की अगुवाई में प्रदेश सरकार हर घंटे सूबे के विकास की कोशिशों में जुटी हुई है तो वहीं विपक्ष के साथी नकारात्मक भूमिका निभाते हुए विकास के रथ को गैरवाजिब तरीके से रोकने की कोशिश कर रहे हैं। प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश की जनता समझदार है और यह देख रही है कि किस तरह विपक्ष के साथी जानबूझ कर सदन नहीं चलने दे रहे हैं।
प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि कानून व्यवस्था में शानदार परिवर्तन करने के साथ ही जब सरकार संगठित माफिया गिरोहों की कमर तोड़ने के लिए यूपीकोका का कानून लेकर आई तब भी विपक्ष का यही रवैया देखने को मिला था। विपक्ष ने न सिर्फ हल्ला हंगामा कर इस कानून को रोकने की कोशिश की बल्कि कानून बनने के रास्ते में भी रूकावट पैदा की। यूपीकोका से अपराधियों ही नहीं अपराधियों को संरक्षण देने वाले लोगों में भी खौफ था ऐसे में विपक्ष आम जनता की बजाए ऐसे लोगों के साथ खड़ा नजर आया जिनके खिलाफ यूपीकोका के तहत कार्रवाई होनी थी।
शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि विपक्ष ने लोकतांत्रिक परंपराओं के खिलाफ जाकर राज्यपाल महोदय के अभिभाषण के दौरान भी सीमाएं लांघ कर सदन के भीतर विरोध किया। अभिभाषण के दौरान गुब्बारे उड़ाना, राज्यपाल महोदय पर कागज के गोले फेंकना, सीटी बजाना और शोर शराबा करते हुए सदन को ना चलने देना साबित करता है कि विपक्ष के साथी लोकतांत्रिक मर्यादाओं को या तो जानते नहीं या फिर उसका पालन नहीं करना चाहते। जहां एक तरफ सरकार जनता के हित में तमाम विषयों पर चर्चा करने के साथ ही साथ जनहित के फैसले लेने में जुटी हुई है तो वहीं विपक्ष के साथी मुद्दों से ध्यान भटकाने में।
प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि योगी आदित्नाथ जी की सरकार जनहित के कार्यों के लिए कृतसंकल्पित है और इसके आगे आने वाली हर रूकावट का सामना करेगी। लोकतंत्र में विपक्ष को मतभेद का अधिकार है और लोकतांत्रिक तरीके से विरोध का भी पूरा अधिकार है। पर विपक्ष के साथी जिस तरह का माहौल पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं उससे स्पष्ट है कि उनकी मंशा सदन को जानबूझ कर नहीं चलने देने की है।