(1) आर.एस.एस. प्रमुख श्री मोहन भागवत द्वारा सेना व आर.एस.एस. के स्वयंसेवकों की तुलना के सम्बन्ध में बयान सेना के लिये अत्यन्त ही आपत्ति व अपमानजनक।
(2) अगर श्री भागवत को अपने मिलिटेन्ट स्वयंसेवकों पर इतना ज्यादा भरोसा है तो उन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए सरकारी खर्चे पर विशेष कमाण्डों क्यों ले रखे हैं?
(3) ऐसे समय में जबकि भारतीय सेना को विभिन्न प्रकार की चुनौती का सामना है, आर.एस.एस. प्रमुख का बयान सेना के मनोबल को गिराने वाला है जिसकी इजाजत उन्हें कतई नहीं दी जा सकती है। उन्हें अपनी गलत बयानबाजी के लिये देश से मांफी मांगनी चाहिये: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी ।
लखनऊ, 13 फरवरी, 2018: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी ने आर.एस.एस. प्रमुख श्री मोहन भागवत की सेना व आर.एस.एस. के स्वयंसेवकों की तुलना के सम्बन्ध में बयान को अत्यन्त ही आपत्ति व अपमानजनक बताते हुये कहा कि अगर श्री भागवत को अपने मिलिटेन्ट स्वयंसेवकों पर इतना ज्यादा भरोसा है तो उन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए सरकारी खर्चे पर विशेष कमाण्डों क्यों ले रखे हैं?
श्री भागवत द्वारा बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिले में अपने सम्बोधन के दौरान आर.एस.एस. के स्वयंसेवकों को सेना से बेहतर बताने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये सुश्री मायावती जी ने कहा कि ऐसे समय में जबकि भारतीय सेना को विभिन्न प्रकार की चुनौती का सामना है, आर.एस.एस. प्रमुख का बयान सेना के मनोबल को गिराने वाला है जिसकी इजाजत उन्हें कतई नहीं दी जा सकती है। उन्हें अपनी गलत बयानबाजी के लिये देश से मांफी मांगनी चाहिय
वैसे भी श्री मोहन भागवत को आर.एस.एस. के स्वंयसेवकों के सम्बंध में यह भ्रम अब दूर कर लेना चाहिये कि वे लोग निःस्वार्थ काम कर रहे हैं कयोंकि आर.एस.एस. अब एक ’’सामाजिक संगठन’’ नहीं रहकर बहुत तेजी के साथ राजनीतिक संगठन बनती जा रही है और उनके स्वंयसेवक सामाजिक सेवा को ताक पर रखकर पूरी तरह से बीजेपी की चुनावी राजनीति करने में ही व्यस्त नज़र आते हैं।