लखनऊ 07 फरवरी 2018, मुख्यमंत्री माननीय श्री योगी आदित्यनाथ जी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में खेती की जमीन को कृषि अधारित उद्योगों की स्थापना के लिए लंबी अवधि के लिए लीज पट्टे पर देने का निर्णय लिया जाना स्वागतयोग्य है। प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि सरकार के इस फैसले से खाली पड़ी कृषि योग्य भूमि को पट्टे पर दिया जा सकेगा। इससे कांट्रैक्ट फार्मिंग का रास्ता साफ होगा. अभी तक केवल निशक्त व्यक्ति और कुछ खास श्रेणी के लोगों को ही विशेष परिस्थितियों में एक बार में अधिकतम तीन वर्ष के लिए जमीन लीज पर देने की छूट दी गई है। लीज में प्रतिबन्ध के कारण भूमिधर किसान चाहते हुए भी अपनी जमीन को लीज पर नहीं दे पा रहे थे। दूसरी ओर उद्योगों की स्थापना के लिए भी जमीन की अनुपलब्धता आड़े आ रही थी।
प्रदेश प्रवक्ता डाॅ. चन्द्रमोहन ने कहा कि सरकार के निर्णय के बाद कोई भी भूमिधर किसान कांट्रैक्ट पर अपनी जमीन दे सकेगा। इस निर्णय से एक ओर नए उद्योगों की स्थापना में तेजी आएगी जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे। साथ ही किसानों की आय में भी काफी इजाफा होगा।
प्रदेश प्रवक्ता डाॅ. चन्द्रमोहन कहा कि ‘कांट्रैक्ट फार्मिंग’ का सबसे ज्यादा फायदा विपक्षी सरकारों के कार्यकाल में लगातार पिछड़ते गए बुंदेलखंड क्षेत्र को होगा। यहां खेती के उपयोग में नहीं आ रही जमीन का उपयोग सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए किया जा सकेगा। इससे न केवल बिजली का अभाव दूर होगा बल्कि बुंदेलखंड को एक नई पहचान भी मिलेगी। भाजपा सरकार के इस निर्णय के दूरगामी परिणाम दिखाई देंगे। प्रदेश को ‘वाइब्रेंट यूपी’ बनाने की दिशा में कांट्रैक्ट फार्मिंग के जरिए किसान अपना अमूल्य योगदान देंगे।