भारतीय जनता पार्टी जिस तरह से अपने राजनीतिक फायदे के लिए नौकरशाही का भगवाकरण करने पर अमादा है जिसका जीता-जागता सबूत आई.पी.एस. दावा शेरपा हैं जो वर्ष 2008 से वर्ष 2012 तक भारतीय पुलिस सेवा में रहते हुए दार्जिंिलंग के भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश सचिव रहे हैं और लगातार चार वर्ष तक अपनी ड्यूटी से गायब रहे हैं और इन्हें प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर का एडीजी बनाया गया है। जो योगी सरकार पर एक बहुत बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता जीशान हैदर ने आज जारी बयान मंे कहा कि नौकरशाही को किस हद तक भारतीय जनता पार्टी भगवाकरण करने पर उतारू है कि अभी हाल ही में जिस तरह प्रदेश के डीजी होमगार्ड ने एक संवैधानिक पद पर रहते हुए संवैधानिक संस्था की मर्यादा को तार-तार किया है, उसी कड़ी में दावा शेरपा की नियुक्ति भी प्रदेश की योगी सरकार की नौकरशाही के भगवाकरण दिशा में एक और बड़ा कदम है।
श्री हैदर ने कहा कि किस तरह से एक आईपीएस अधिकारी चार वर्ष तक अपनी ड्यूटी से गायब होकर भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश पदाधिकारी बनता है और फिर वापस अपनी ड्यूटी ज्वाइन करके एडीजी जैसे महत्वपूर्ण पद पर और मुख्यमंत्री के गृह जनपद में तैनाती पा जाता है यह बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है।
प्रवक्ता ने मांग की है कि दावा शेरपा की नियुक्ति की उच्च स्तरीय जांच करायी जाय एवं चार वर्षों तक अपनी ड्यूटी से गायब रहने एवं राजनीतिक दल के पदाधिकारी के रूप में उस दौरान कार्य करने आदि बिन्दुओं की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाय।