लखनऊ, दिनांक 01 फरवरी, 2018। उ0प्र0 खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा चारबाग लखनऊ स्थित, बाल संग्रहालय लाॅन, निकट-रविन्द्रालय में 15 दिवसीय राज्य स्तरीय प्रदर्षनी का आयोजन किया जा रहा है। दिनांक 24.01.2018 से षुरू हुई यह प्रदर्षनी दिनांक 07.02.2018 तक चलेगी। ग्रामोद्योग प्रदर्षनी का आज नवांॅ दिन है।
प्रदर्षनी में जड़ी-बूटी, फर्नीचर, आवंला-मुरब्बा, साड़ी, सलवार सूट, षाल, ऊनी चादर, गाउन इत्यादि की बिक्री अत्यधिक मात्रा में हुई। बदलते वक्त के साथ खादी उत्पादों और परिधानों में डिजाइनरांे द्वारा नए-नए प्रयोग किये गये हैं जिससे लोग खादी के ओर आकृश्ट हो सकें। खादी प्रदर्षनी में जाड़ों के लिए जड़ी-बूटियों, फलों एवं मसालों से निर्मित विभिन्न प्रकार के चूर्ण, क्रीम, मसाले, अचार, मुरब्बा, जैम-जैली, आॅंवले के उत्पाद काफी मात्रा में उपलब्ध है। खाॅसी, सर्दी-जुकाम, जोड़ों के दर्द के लिए भी दवाएं उपलब्ध है, जिनकी बड़ी मात्रा में खरीददारी हो रही है। प्रदर्षनी में अब तक लगभग रुपये 30.00 लाख की बिक्री हो चुकी है।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रंखला मेें आज का मुख्य आकर्शण रहा ‘‘स्वरांजलि कला केन्द्र’’ के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत अवधि, कुमाउॅंनी, गढ़वाली एवं राजस्थानी लोकगीत। कुमाउॅंनी लोकगीत ‘‘ओ बिना कस के जानू दरहटा’’ की मनमोहक प्रस्तुति ने दर्षकों को तालियाॅं बजाने पर मजबूर कर दिया। इसके अतिरिक्त रेखा मिश्रा द्वारा देवी गीत एवं संध्या प्रजापति द्वारा राधाकृश्ण पर आधारित ‘‘छोड़ोे ने छोड़ो’’ गीत प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम के बीच-बीच में राजेन्द्र विष्वकर्मा द्वारा हास्य प्रस्तुतियाॅं भी दी गयीं जिन्होंने पण्डाल में उपस्थित दर्षकों खूब हॅंसाया।