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राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने नेताजी सुभाष चन्द बोस को श्रद्धांजलि अर्पित की

Posted on 23 January 2018 by admin

नेताजी देश से परतंत्र को हटाने वाले शीर्ष नेता थे - राज्यपाल
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चुनौतियों को स्वीकार करते हुए आगे बढ़ना नेताजी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है - श्री नाईक
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नेताजी का व्यक्तित्व-कृतित्व एवं स्वाधीनता का मंत्र युवाओं को ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के लिये प्रेरित करता रहेगा - मुख्यमंत्री
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लखनऊः 23 जनवरी, 2018

aks_3393उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, न्याय एवं विधि मंत्री श्री बृजेश पाठक, महापौर डाॅ0 संयुक्ता भाटिया, शहीद स्मृति समारोह समिति के श्री उदय खत्री, प्रमुख सचिव सूचना श्री अवनीश अवस्थी, जिलाधिकारी लखनऊ श्री कौशल राज, मेट्रो के प्रबंध निदेशक श्री केशव कुमार, कुलपति लखनऊ विश्वविद्यालय प्रो0 एस0पी0 सिंह, पूर्व पुलिस महानिदेशक श्री के0एल0 गुप्ता सहित शहर के गणमान्य नागरिकों ने नेताजी सुभाष चन्द बोस की जयन्ती पर सुभाष चैक, लखनऊ स्थित उनकी प्रतिमा एवं चित्र पर पुष्प चढ़ाकर कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। समारोह में आजाद हिन्द फौज का तराना ‘कदम-कदम बढ़ाये जा’ की प्रस्तुति भातखण्डे संगीत सम विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने दी तथा श्री कमलेश दुबे एवं साथियों द्वारा ‘सबसे ऊंचा है झण्डा हमारा - नेताजी जिन्दाबाद’ प्रस्तुत किया।
राज्यपाल ने श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के पास अद्भुत संगठन शक्ति थी जिसके आधार पर उन्होंने आजाद हिन्द फौज का गठन किया। उनकी सेना में महिलाओं का विशेष योगदान था। शत्रु का शत्रु दोस्त के आधार पर काम करते हुये उन्होंने विदेश में लोगों को संगठित किया। ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ जैसे शब्द की ताकत से उन्होंने हजारों लोगों को अपने साथ जोड़ा। नेताजी का यह कथन युवाओं के लिये देश की आजादी प्राप्त करने के लिये नारा नहीं मंत्र बना। कहा जाता है कि अंग्रेजों के राज में सूरज कभी अस्त नहीं होता था। सुभाष चन्द्र बोस ने ऐसे सूर्य को चेतावनी देने का अहम कदम उठाया। उन्होंने कहा कि देश से परतंत्र हटाने वाले शीर्ष नेता के रूप में सुभाष चन्द्र बोस को याद किया जाता है।aks_3398
श्री नाईक ने कहा कि महापुरूषों की प्रतिमाएं प्रेरणा पुंज होती हैं। 2014 में राज्यपाल बनने के बाद उन्होंने निर्णय लिया कि जिन महापुरूषों की प्रतिमा लगी है उनका नमन करने वे जायेंगे। इस भूमिका में वे नेताजी को आदर व्यक्त करने यहां चैथी बार आये हैं। राज्यपाल ने इस अवसर पर गणतंत्र दिवस, उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस, लोकमान्य बालगंगाधर तिलक के अजर-अमर उद्घोष ‘आजादी मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है’ के 101वीं वर्षगांठ आदि का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम जनतंत्र को मजबूत करते हैं। उन्होंने कहा कि स्वराज मिला है उसे सुराज में बदलने का संकल्प लें। राज्यपाल ने यह भी कहा कि देश के सामने आई चुनौतियों को स्वीकार करते हुए आगे बढ़ना नेताजी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस भारत माता के महान सपूत थे जिन्होंने देश को स्वतंत्र कराने के लिए आजाद हिन्द फौज की स्थापना की। उनके नारे ने क्रांतिकारियों के तेवर को नई दिशा दी। भारत के इतिहास में नेताजी का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाता है। नेताजी का मानना था कि देश को आजादी हाथ फैलाने से नहीं बल्कि शौर्य, पराक्रम और त्याग से मिलेगी। नेता सुभाष चन्द्र बोस भौतिक रूप से हमारे बीच नहीं है लेकिन उनका व्यक्तित्व-कृतित्व एवं स्वाधीनता का मंत्र युवाओं को ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के लिये प्रेरित करता रहेगा। उन्होंने कहा कि नेताजी ऐसे प्रकाश पंुज है जो सदैव बुराई से लड़ने के लिये समाज को प्रेरित करते रहेंगे।
महापौर डाॅ0 संयुक्ता भाटिया ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का देश की स्वतंत्रता में महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि नेताजी के आदर्शों को अपने जीवन में ढालने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर श्री उदय खत्री ने कार्यक्रम का संचालन किया।

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