‘‘नेता जी सुभाश चंद्र बोस के त्याग और बलिदान से भारत की आजादी का सपना पूरा हुआ। उनकी आजाद हिंद फौज में जाति-धर्म, नस्ल का कोई भेदभाव नहीं था। परस्पर एकता और सद्भाव के बिना देश सबल नहीं बन सकता है। आज नेताजी के विचारों के प्रति खतरा पैदा किया जा रहा है। समाजवादी पार्टी उनके रास्ते पर चलने वाली पार्टी है। भाजपा उस रास्ते पर चल ही नहीं सकती है।‘‘
उक्त उद्गार आज यहां समाजवादी पार्टी मुख्यालय, लखनऊ में नेताजी की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव ने व्यक्त किए। उन्होंने नेताजी के चित्र पर माल्यार्पण के साथ करोड़ो भारतीयों के प्रेरणास्रोत को नमन किया। श्री यादव ने गुमनामी बाबा की सच्चाई सामने लाए जाने की मांग की और इसमें अंतर्राष्ट्रीय राजनीति होने का भी अंदेशा जताया। उन्होंने कहा कि आजादी के आंदोलन में सांप्रदायिकता का रंग नहीं था। अब तो ध्यान हटाने की राजनीति का दौर है। यह लोकतंत्र के लिए स्वस्थ स्थिति नहीं है।
श्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकारें लोकतंत्र के लिए खतरा बनती जा रही है। भाजपा की राजनीति सिर्फ बूथ प्रबंधन की हैं। लोकतंत्र बिना जागरूकता के नहीं बचाया जा सकता है। देश प्रगति करे इसके लिए बुनियादी ढांचा विकसित होना चाहिए। विकास इसकी प्राथमिकता में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आर्थिक और सामाजिक विषमता दूर करने के लिए जनसंख्या के आधार पर नागरिकों को न्याय मिलना चाहिए। इससे विकास की योजनाएं बनाने में भी मदद मिलेगी।
श्री यादव ने कहा कि भाजपा राज में किसान की सबसे ज्यादा दुर्दशा है। उसे उसकी फसल का लागत मूल्य तक नहीं मिल पा रहा है। आय दुगनी होने की बात तो दिन में सपने देखनें जैसी बात है। कृषि देश की अर्थव्यवस्था का मूल आधार है। नोटबंदी के बाद तत्कालीन रिजर्व बैंक गवर्नर श्री रघुराम राजन ने कहा था कि अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिए बुनियादी ढांचा विकसित हुए बगैर न तरक्की हो सकती है और नहीं युवाओं को रोजगार मिल सकता है।
पूर्व मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भाजपा सरकारें केंद्र में हो या राज्य में जनहित के काम अंजाम देने में पूरी तरह नाकाम रही हैं। सन् 2019 में लोकसभा और 2022 में विधानसभा के चुनाव होंगे। इन्हें लक्ष्य में रखकर समाजवादी पार्टी भाजपा से मुकाबले की तैयारी कर रही है। जनता की निगाह में अब भाजपा की काठ की हांडी दुबारा नहीं चढ़नेवाली है।
इस अवसर पर सर्वश्री बलराम सिंह यादव, नरेश उत्तम पटेल, राजेंद्र चौधरी, मनोज पाण्डेय, एसआरएस यादव, अरविन्द कुमार सिंह, उदयवीर सिंह, रामआसरे विश्वकर्मा, श्रीमती गजाला लारी, जयप्रकाश अंचल, अताउर्रहमान, डाॅ0 आर ए उस्मानी, विश्वनाथ सिंह आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।