विगत विश्व हिन्दी दिवस यानी 10 जनवरी 2018 को इंडोनेशिया की सांस्कृतिक राजधानी बाली में अंतरराष्ट्रीय हिन्दी उत्सव का आगाज हुआ, जिसका समापन समारोह 14 जनवरी 2018 को इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर पचास साहित्यकारों, पत्रकारों, टेक्नोक्रेटो, संस्कृतिकर्मियों के हुये सरस्वत सम्मान के क्रम में लखनऊ की दस विभूतियों का सम्मान किया गया, जिसमें हिन्दी के प्रमुख ब्लॉगर एवं वरिष्ठ साहित्यकार रवीन्द्र प्रभात, अवधी लोकगायिका कुसुम वर्मा, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ॰ मिथिलेश दीक्षित, सत्या सिंह हुमैन, समाज सेविका कनक लता गुप्ता, योग विशेषज्ञ डॉ॰ उदय प्रताप सिंह, शिक्षाविद कैलाश चन्द्र जोशी, रेवान्त पत्रिका की संपादक लखनऊ निवासी डॉ॰ अनीता श्रीवास्तव तथा हिन्दी विकिपीडिया की प्रबन्धक माला चैबे प्रमुख रहे।
बहुत सारे कार्यक्रमों का साक्षी बना यह उत्सव। इस अवसर पर लोकार्पित हुयी 18 हिन्दी पुस्तकों में से लखनऊ की डॉ॰ मिथिलेश दीक्षित की छः पुस्तकें तथा रवीन्द्र प्रभात के व्यक्तित्व और कृतित्व पर आधारित डॉ॰ सियाराम की शोध पुस्तक ‘‘रवीन्द्र प्रभात की परिकल्पना और ब्लॉग आलोचना कर्म‘‘ प्रमुख रही।
डॉ॰ राम बहादुर मिश्र के संचालन में इलाहाबाद की रंगकर्मी डॉ॰ प्रतिमा वर्मा द्वारा अभिनीत नाटक ‘‘एकाकीपन‘‘ की भावपूर्ण प्रस्तुति श्रोताओं का मन मोहने में सफल रही। इन्डोनेशिया के कलाकारों तथा इण्डोनेशियाई बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुति तथा जकार्ता स्थित जवाहरलाल नेहरू भारतीय सांस्कृतिक परिषद के कलाकारों की हारमोनियम और तबले की युगलबंदी श्रेष्ठ प्रस्तुतियों में से एक रही। जकार्ता के श्री केतन गुरु जी, लखनऊ की कुसुम वर्मा और गोंडा के शिव पूजन शुक्ल के द्वारा प्रस्तुत भजन और लोकगीत दुर्लभ प्रस्तुतियों में से एक रही।
हिन्दी उत्सव के दौरान परिकल्पना द्वारा छः भारतीय प्रतिभागियों को विशेष नगद पुरस्कार प्रदान किए गए, जिसके अंतर्गत सर्वश्रेष्ठ आवाज के लिए अहमदाबाद की सुश्री अंकिता सिंह को डेढ़ लाख रुपये तथा सर्वश्रेष्ठ कविता के लिए आगरा की डॉ॰ सुषमा सिंह, सर्वश्रेष्ठ प्रणय गीत के लिए राय बरेली की डॉ॰ चम्पा श्रीवास्तव, सर्वश्रेष्ठ हास्य कविता के लिए कानपुर के डॉ॰ ओम प्रकाश शुक्ल ‘‘अमिय‘‘, सर्वश्रेष्ठ गजल के लिए बहराइच के डॉ॰ अशोक गुलशन और सर्वश्रेष्ठ लोकगीत के लिए गोंडा के डॉ॰ शिव पूजन शुक्ल को क्रमशः एक-एक लाख रुपये के नगद पुरस्कार प्रदान किए गए।
कवि सम्मेलन के दौरान रवीन्द्र प्रभात, ओम प्रकाश शुक्ल ‘‘अमिय‘‘, सत्या सिंह हुमैन, डॉ॰ अशोक गुलशन, डॉ॰ राम बहादुर मिश्र, डॉ॰ मिथिलेश दीक्षित, डॉ॰ सुषमा सिंह, डॉ॰ पूर्णिमा उपाध्याय, डॉ॰ माला गुप्ता, डॉ॰ पूनम तिवारी, डॉ॰ चम्पा श्रीवास्तव, डॉ॰ रमाकांत कुशवाहा कुशाग्र, डॉ॰ उमेश पटेल श्रीश, शिव पूजन शुक्ल, कुसुम वर्मा, राम किशोर मेहता, कैलाश चन्द्र जोशी आदि की कवितायें खूब सराही गयी।
समारोह की मुख्य अतिथि रहीं 2015 की मिस इन्डोनेशिया-इंडिया सुश्री ग्रेस वालिया तथा विशिष्ट अतिथि इंडो-इंडियन फ्रेंडशिप एसोशिएशन की अध्यक्ष सुश्री पूनम सागर, सामाजिक कार्यकर्ता सुश्री लवलीन वालिया और जकार्ता स्थित साधु वासवानी सेंटर के प्रतिनिधि श्री केतन गुरु जी, जकार्ता स्थित आत्मा सेल्फ एक्स्प्रेशन की अध्यक्षा सुश्री शिल्पी धीरज शर्मा, इंडोनेशियन-इंडियन फ्रेंडशिप एसोसिएशन की अध्यक्षा सुश्री ऐश्वर्या सिन्हा और समस्त प्रस्तुतियों की संगीत निर्देशक जकार्ता निवासी सुश्री अर्चिता रॉय की प्रस्तुति उल्लेखनीय रही। विविधताओं से भरा यह सम्मेलन जीवन के अपने अलग-अलग रंगों में धड़कता दिखाई दिया दर्शकों को, अपने आप में अद्वितीय और अनुपम रहा यह उत्सव।