उ0प्र0 की भाजपा सरकार ने दलितों के विकास के लिए चलायी जाने वाली कल्याणकारी योजनाओं के तहत विभिन्न विभागों में पड़े हुए 4732 करोड़ रूपये की धनराशि नहीं खर्च किया। यदि यह राशि समय से खर्च की गयी होती तो दलितों की बड़ी आबादी इससे लाभान्वित होती। प्रदेश की भाजपा सरकार की दलितों के प्रति उपेक्षात्मक रवैये एवं संवेदनहीनता के चलते प्रदेश का दलित दिन-ब-दिन पिछड़ता जा रहा है।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता आर0ए0 प्रसाद ने आज जारी बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश में दलितों की आबादी 21 प्रतिशत से अधिक है। अधिकांश दलित आज भी गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन कर रहे हैं। कांग्रेस शासनकाल में दलितों के विकास के लिए बढ़-चढ़कर कार्य किये गये किन्तु प्रदेश में विगत लगभग 30 वर्षों से कांग्रेस पार्टी के सत्ता से बाहर होने के चलते आज दलित वर्ग पूरी तरह विकास में पिछड़ता चला गया है।
श्री प्रसाद ने कहा कि दलितों के विकास के लिए विभागवार देखा जाये तो पी.डब्लू.डी. विभाग में 1354 करोड़ रूपये, बेसिक शिक्षा में 670 करोड़, ग्राम विकास विभाग में 1166 करोड़, बिजली विभाग में 337 करोड़ रूपये जो दलितों के कल्याणकारी योजनाओं के लिए दिये गये थे वे खर्च ही नहीं किये गये। इससे यह साफ हो जाता है कि सरकार को दलितों की तनिक भी चिन्ता नहीं है। मात्र दलितों के लिए आवंटित धनराशि ही नहीं खर्च की गयी बल्कि दलितों के उत्पीड़न के फौजदारी के मामलों की पैरवी में भी उदासीनता बरती जा रही है। दलितों के उत्पीड़न के तमाम मामलों में सालों तक चार्जशीट तक नहीं लगायी गयी है।
श्री प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश सरकार की दलितों के प्रति उदासीन रवैये एवं उपेक्षा किये जाने की कड़ी भतर््सना करती है। कांग्रेस पार्टी यह मांग करती है कि जिन विभागों में दलितों के कल्याण के लिए आवंटित धनराशि को खर्च नहीं किया गया है उसके लिए उन विभागों के दोषियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाय।