खराब प्रगति वाले जनपदों को चिन्हित कर
संबंधित अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाए
-प्रो0 एस.पी. सिंह बघेल
कामधेनु योजना के पुरस्कार हेतु
पशुपालकों के नाम आमंत्रित किये जाएं
पशुधन मंत्री ने की समीक्षा बैठक
लखनऊ 09 जनवरी , 2018
उत्तर प्रदेश के पशुधन मंत्री प्रो0 एस.पी. सिंह बघेल ने आवारा एवं छुट्टा पशुओं को एक गम्भीर समस्या बताते हुए कहा है कि इसके निस्तारण के लिए कारगर कदम उठाये जाएं। उन्होंने सुझाव दिया कि टीकाकरण अभियान के दौरान छुट्टा एवं आवारा पशुओं का निःशुल्क बधियाकरण सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही पशुओं के लिए गोचर भूमि चिन्हित करके गोशालाओं में स्थापना सुविधाओं का विस्तार किया जाए। उन्होंने गोवंशीय पशुओं के सेक्स सीमेन के उपयोग संबंधी योजना (रा0यो0) के माध्यम से पशुओं की नस्लों में सुधार एवं संवर्धन कार्य पर विशेष जोर दिया जाए।
प्रो0 बघेल आज यहाँ विधान भवन के तिलक हाल में पशुधन विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आवारा एवं छुट्टा पशुओं की समस्या लगातार गम्भीर रूप लेती जा रही है। विभागीय अधिकारी इसके समाधान के लिए ठोस कदम उठायें। उन्होंने कहा कि इस समस्या को दृढ़ इच्छाशक्ति और निरन्तर प्रयासों से ही समाप्त किया जा सकता है। समीक्षा बैठक में वित्तीय स्वीकृतियां, कुक्कुट विकास नीति, रूरल बैकयार्ड योजना, बुन्देलखण्ड पैकेज, पशुधन बीमा, बहुउद्देशीय सचल पशु चिकित्सा योजना पर दिशा-निर्देश देते हुए विभागीय सेवाओं से संबंधित मामलों पर भी चर्चा की।
पशुधन मंत्री ने कहा कि पशुपालन विभाग पशुपालकों के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित कर रहा है इसका एकमात्र उद्देश्य पशुपालकों की आमदनी में वृद्धि और उन्हें स्वरोजगार के साधन उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी अन्य विभागों की योजनाओं के साथ डवटेलिंग करके कार्य करें । इसके साथ ही गोचर भूमि और वन विभाग की जमीनों का चिन्हांकन करें, जिससे कोई विवाद न हो और पशुओं को चारागाह की सुविधा सुलभ हो सके।
प्रो0 बघेल ने विभागीय योजनाओं के बारे में पशुपालकों को सीधे और सरल शब्दों में जानकारी दिये जाने पर जोर दिया, ताकि पशुपालक योजनाओं की लागत और उससे संबंधित फायदे के बारे में जानकर उसका अधिक से अधिक लाभ उठा सकें। उन्होंने विभागीय लक्ष्यों को निर्धारित समय में पूरा न करने वाले अधिकारियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इनमें सुधार नहीं आया तो इन्हें दण्डित किया जायेगा और प्रतिकूल प्रविष्टि एवं निलम्बन जैसी कड़ी कार्यवाही का सामना भी करना पड़ेगा। गौतमबुद्धनगर, बस्ती, झांसी, बरेली, फिरोजाबाद, ललितपुर, कानपुर देहात एवं कुछ अन्य जनपदों के द्वारा खराब प्रदर्शन किये जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए अत्यंत असंतोषजनक प्रगति वाले अन्तिम तीन जनपदों के अधिकारियों से स्पष्टीकरण प्राप्त करने के निर्देश दिये।
बैठक में उपस्थित राज्यमंत्री पशुधन श्री जय प्रकाश निषाद ने अधिकारियों से विभागीय योजनाओं को पूरी लगन एवं निष्ठा से लागू करके इनका लाभ पशुपालकों तक पहुँचाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग सीधे किसानों से जुड़ा हुआ है और पशुपालकों की रोजी-रोटी का एक उपयोगी साधन है। इसलिए विभागीय अधिकारी सरकार की मंशा के अनुरूप इनकी आमदनी बढ़ाने पर विशेष जोर दें।
प्रमुख सचिव, पशुधन एवं मत्स्य डा0 सुधीर एम0 बोबड़े ने पशुधन मंत्री के समक्ष विभागीय योजनाओं के बारे में रिपोर्ट पेश की और उन्होंने मंत्री जी को आश्वस्त किया कि उनके निर्देशों के अनुरूप विभागीय अधिकारी योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। प्रमुख सचिव ने बैकयार्ड पोल्ट्री प्रबन्धन पर विशेष ध्यान के निर्देश दिये।
श्री बोबड़े ने कहा कि अधिकारी विभागीय बजट की अप्रयुक्त धनराशि वापस करें, ताकि अन्य मदों में उसका व्यय किया जा सके। उन्होंने चालू वित्तीय वर्ष के लक्ष्यों को अतिशीघ्र पूरा किये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि विभाग में संचालित अलग-अलग 50 योजनाओं को कम से कम 10 योजनाओं में अच्छादित किया जाए। उन्होंने कहा कि पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए संचालित कामधेनु योजना के तहत जनपदों से पशुपालकों के नाम आमंत्रित किये जाएं, जिससे उन्हें पुरस्कृत किया जा सके। समीक्षा बैठक में गोपालक योजना के बारे में भी विस्तार से विचार-विमर्श किया गया।
बैठक में विशेष सचिव, श्री सत्येन्द्र सिंह, श्री दयाशंकर सिंह, निदेशक, प्रशासन एवं विकास डा0 ए0एन0 सिंह एवं पशुपालन विभाग के मण्डलीय एवं जनपदीय अधिकारी उपस्थित थे।