(1) तीन तलाक से सम्बंधित विधेयक अर्थात् मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2017 में गम्भीर त्रुटियों व कमियाँ, जिसको दूर करने के लिये ही इसे प्रवर समिति में भेजने की माँग राज्यसभा में की जा रही है।
(2) बी.एस.पी. तीन तलाक़ पर प्रतिबंध से सम्बंधित कानून के पक्ष में है, परन्तु वर्तमान विधेयक तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं के लिये और भी ज़्यादा बुरा होकर उनके लिये दिन-प्रतिदिन की और भी नई समस्यायें पैदा करेगा जिसका समाधान ज़रूरी।
(3) श्री मोदी सरकार द्वारा घोर मनमानी के साथ-साथ इनके अड़ियल रवैये अपनाने के कारण ही नोटबन्दी व जी.एस.टी. आदि की नई व्यवस्था देश की जनता के लिए जान का जंजाल ही साबित हुई है। तीन तलाक बिल भी वैसा ही जंजाल साबित होने की आशंका।
(4) ऐसा लगता है कि श्री नरेन्द्र मोदी सरकार अपनी मुस्लिम-विरोधी नीति व कार्यकलाप के कारण पुरे समाज को उद्वेलित करना चाहती है ताकि यह मामला भी हिन्दू-मुस्लिम बन जाये और फिर बीजेपी अपनी राजनीतिक व चुनावी स्वार्थ की रोटी सेंकती रहे: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी।
नई दिल्ली, 05 जनवरी, 2018: मुस्लिम महिलाओं से सम्बन्धित तीन तलाक विधेयक यानि की मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2017 को कई गम्भीर त्रुटियों व कमियों वाला बिल बताते हुये बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सरकार के अड़ियल व अलोकतान्त्रिक रवैये के कारण अगर यह विधेयक वर्तमान स्वरुप में पारित होकर कानून बन जाता है तो इससे मुस्लिम महिलायें दोहरे अत्याचार का शिकार होंगी तथा उनका हित होने के बजाय अहित ही होगा।
सुश्री मायावती जी ने आज शुक्रवार को अपने बयान में कहा कि तीन तलाक पर प्रतिबन्ध से सम्बन्धित कानून बनाने पर बी.एस.पी. सहमत है, परन्तु वर्तमान विधेयक में सज़ा आदि का जो प्रावधान किया गया है वह तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं के लिये और भी ज़्यादा बुरा होकर उनके लिये दिन-प्रतिदिन की और भी नई समस्यायें पैदा करेगा जिससे उनका जीवन काफी ज्यादा मुश्किल हो जायेगा तथा वे शोषण का शिकार होंगी। श्री मोदी सरकार को इस प्रकार की कमियो पर खुले मन से विचार करना चाहिये जिसके सम्बंध में बेहतर विचार-विमर्श हेतु इस विधेयक को राज्यसभा की प्रवर समिति को भेजने की माँग की जा रही है।
वैसे भी किसी भी कानून को बनाने से पहले जो गहन विचार-विमर्श व चर्चा एवं होमवर्क होनी चाहिये वह इस सरकार ने नहीं किया जबकि इस तीन तलाक से सम्बन्धित विधेयक में इसके महत्व व व्यापक प्रभाव को देखते हुये यह बहुत ही जरुरी था। श्री मोदी सरकार ने इस मामले में इतनी जल्दबाजी की है कि विपक्षी पार्टियांे से थोड़ा सलाह-मशविरा करना भी गवारा नहीं किया। यह इनकी चूक नहीं थी बल्कि इनकी नीयत में खोट को दर्शाता है।
वास्तव में श्री मोदी सरकार अपनी मनमानी करने की आदी हो गयी है। चाहे नोटबन्दी का अपरिपक्व फैसला हो या काफी जल्दबाजी में जी.एस.टी. कर का लाया नये कानून का अत्यन्त कष्टदायी निर्णय या फिर अब तीन तलाक का महत्वपूर्ण मामला हो, श्री मोदी सरकार द्वारा घोर मनमानी के साथ-साथ इनके अड़ियल रवैये अपनाने के कारण हर नई व्यवस्था देश की जनता के लिए जान का जंजाल ही साबित हुई है।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि ऐसा लगता है कि श्री नरेन्द्र मोदी सरकार अपनी मुस्लिम-विरोधी नीति व कार्यकलाप के कारण पुरे समाज को उद्वेलित करना चाहती है ताकि यह मामला भी हिन्दू-मुस्लिम बन जाये और फिर बीजेपी अपनी राजनीतिक व चुनावी स्वार्थ की रोटी सेंकती रहे। अगर सरकार की नीयत साफ होकर राजनीतिक नहीं होती तो तीन तलाक विधेयक को प्रवर समिति को भेजकर बेहतर विधेयक तैयार करने के मामले में हठधर्मी नहीं अपनाती और ना ही फिर इस मामले में संसद का इतना समय बर्बाद होता।
जारीकर्ता:
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