लखनऊ 05 जनवरी 2018, भारतीय जनता पार्टी प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने इस्लामी शिक्षण संस्थान दारूल उलूम देवबंद के हालिया जारी किये फतवों को दकियानूसी सोच से भरा बताया। श्री त्रिपाठी ने कहा दारूल उलूम देवबंद देश का प्रमुख इस्लामी शिक्षण संस्थान है। शिक्षण संस्थान की जिम्मेदारी अज्ञानता का अधंकार दूर कर ज्ञान का प्रकाश फैलाना होता है लेकिन दारूल उलूम देवबंद ने बैंक कर्मियों के परिवार में शादी न करने का फतवा जारी कर यह जता दिया है कि वह मुस्लिम समाज को और अधिक अंधकार में रखना चाहता हैं।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि देवबंद ने इससे पहले भी कई गैर जरूरी और वाहियात फतवे जारी किए है। गीता का पाठ करने वाली छात्रा पर फतवा जारी करना हो या डिजाईनर और स्लिम फिट बुरका पहनने को हराम घोषित करने का फतवा हो, इस तरह के फतवों से महिलाओं के प्रति न्यून सोच दिखती है। इस तरह के फतवों से फतवों के प्रति विश्वसनीयता भी कम हो जाती है। तीन तलाक के मसले पर आॅल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लाॅ-बोर्ड अभी भी विरोध पर अड़ा हुआ है जबकि सुप्रीम कोर्ट उसे असंवैधानिक घोषित कर चुका है। मुस्लिम समाज के कुछ प्रतिनिधि संगठन शरीयत की गलत व्याख्या कर पूरे समाज को विकास के मार्ग से भटकाना चाहते है जबकि केन्द्र सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ‘सबका साथ-सबका विकास’ के मूलमंत्र पर चलकर सबको विकास से जोड़ रही है। योगी सरकार ने मदरसों के आधुनिक बनाने के लिए पोर्टल पर रजिस्टेªशन भी कराया है। सरकार की मंशा स्पष्ट है कि दीनी तालीम के साथ-साथ, विज्ञान, गणित, अंग्रेजी व कम्प्यूटर शिक्षा का ज्ञान भी मिले ताकि बेहतर रोजगार के क्षेत्र में अल्पसंख्यक समुदाय पीछे न छूटे।