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प्रदेश में गन्ना किसान और आलू किसान बदहाली की जिंदगी जी रहे हैं

Posted on 03 January 2018 by admin

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी और इसकी केन्द्र और राज्य सरकार दोनों को ही किसानों की कोई चिंता नहीं है। प्रदेश में गन्ना किसान और आलू किसान बदहाली की जिंदगी जी रहे हैं। किसानों को राहत पहुंचाने के बजाय उनका शोषण और उत्पीड़न किया जा रहा है। भाजपा ने वादा किया था कि वह आलू किसानों की फसल बर्बाद नहीं होने देगी। गन्ना किसानों का बकाया सरकार बनने के तुरन्त बाद ही अदा कर देगी लेकिन इन वादों की उसे सुध नहीं रह गई है। आजकल वादाखिलाफी का दौर दौरा है।
उत्तर प्रदेश में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक गन्ना मिलों ने 1254 करोड़ के गन्ने से 1800 करोड़ रूपए से अधिक की चीनी का उत्पादन किया हैं। मिलों पर किसानों की बड़ी धनराशि बकाया है। चीनी मिल मालिकों को सरकार का जरा भी डर नहीं है। सरकार उन पर कोई कार्यवाही भी नहीं कर रही है। सरकार की हीलाहवाली से चीनी उद्योग अपनी मनमानी पर उतारू है। ये मिलें चीनी के अलावा गन्ने के अन्य उत्पादों से भी कमाई कर रहे है। किन्तु किसानों को देने के लिए उनके पास पैसा नहीं है।
आलू किसानो को फसल की लागत भी नहीं मिल रही है। परेशान किसान अपनी फसल सड़क पर फेंक रहे हैं। किसान 2 रूपए से भी कम पर अपना आलू बेचने को मजबूर हैं। भाजपा सरकार ने न्यनूतम समर्थन मूल्य पर आलू खरीद का भरोसा देकर किसानों के साथ जबर्दस्त धोखा किया है। किसान आलू की फसल उगाने में जितनी लागत लगाता है, उतनी भी उसे न मिले तो फिर किसान बेचारा अपनी बर्बादी पर रोये न तो क्या करे।
श्री अखिलेश यादव ने गन्ना किसानों को एकमुश्त 40 रूपए का समर्थन मूल्य दिया था और उनके बकाये की अदायगी के लिए बड़ी धनराशि भी दी थी। आलू किसानों को भी राहत दी गई थी। श्री अखिलेश यादव चूंकि स्वयं किसान परिवार से हैं इसलिए वे किसानों की समस्याओं को और उनके दर्द को भलीभाॅति समझते हैं। भाजपा नेतृत्व को गांव-किसान से कोई लेना देना नहीं हैं बल्कि उनसे चिढ़ लगती है। किसान की आवाज की भाजपा में कोई सुनवाई नहीं है। इसलिए आलू किसान हो या गन्ना किसान हो या धान उत्पादक किसान सब भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीति के षिकार हो रहे हैं।

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