तिलक के स्वराज घोष समारोह में इन स्वतंत्रता सेनानियों को किया गया सम्मानित
सुरेन्द्र अग्निहोत्री,लखनऊ 30 दिसम्बर 2017लोकमान बाल गंगाधर तिलक के स्वराज घोष ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मै इसे लेकर रहूँगा’के 101 वर्ष पूर्ण होने पर स्मृति समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें स्वतंत्रता सेनानी से जुड़े महापुरुष को सर्व सम्मानित किया गया,तिलक जी से संबंधित चित्रों के आधार लिखी गई लोकमान्य पुस्तक का विमोचन ,साथ ही तिलक परिवार के अभिव्यक्तियों को भी स्मृति पदचिन्ह से सम्मानित किया गया। इसके अलावा गीतमय व स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार के तहत भाषण प्रतियोगिता के बाद विजयी अभिभावों को पचास हजार रूपये एंव प्रतियोगिता संबन्धित सर्टिफिकेट भी दिया गया।राजधानी लखनऊ के लोकभवन में प्रदेश के राज्यपाल माननीय रामनाईक जी के अध्यक्षता में बाल गंगाधर तिलक के स्वराज घोष के 101 पूर्ण होने के उपलक्ष्य में स्मृति समारोह का आयोजन किया गया। जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस रहे। साथ ही महाराष्ट्र प्रदेश के पुणे जिला की महापौर व तिलक जी की प्रपौत्र मुक्ता तिलक,प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या व दिनेश शर्मा,विधानसभा के अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित ,प्रदेश मंत्री रीता बहुगुणा जोशी,मंत्री नीलकंठ तिवारी समेत अन्य मंत्रीगण व स्वतंत्रता सेनानी के महापुरुष भी मौजूद रहे।समारोह की शुरुआत दीपवज्ज्वल कर हुआ इस मौके पर सभी सेनानी महापुरषों को स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया वहीं प्रतियोगिता में जित हासिल करने वाले प्रतिभागियों को भी पुरस्कृत किया गया।
स्मृति समारोह के अध्यक्ष व प्रदेश के राज्यपाल रामनाईक जी ने समारोह में आये सभी अतिथिगणों का अभिनन्द करते हुए कहा कि गंगाधर तिलक एक राष्ट्रवादी ,शिक्षक ,समाज सुधारक, वकील,और स्वतंत्रता सेनानी थे। देश में पूर्ण स्वराज की मांग उठाने वाले वे पहले नायक थे। आगे कहा कि बाल गंगाधर तिलक के प्रपौत्र श्री शैलेश तिलक द्वारा सम्मानित स्मारिका के हिंदी संस्करण का प्रकाशन सराहनीय है।
समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद महाराष्ट्र प्रदेश के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने सभी का अभिनन्द करते हुए कहा की तिलक के स्वराज घोष ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मै इसे लेकर रहूँगा’ के तहत आज देश स्वतंत्र हुआ हुआ है, जन्मसिध्द अधिकार लेकर बताया कि ये कोई दया या भीख नहीं बल्कि यह मेरा अधिकार क़ि मै स्वतंत्र देश में बगैर जातिवाद,भेदभाव तथा इस सभी के संबंधित बातों से ऊपर उठकर इस स्वतंत्र देश में रह सकूँ।
आगे बताया कि हर देश से परे मेरा देश अभी विकसित की धारणा में है ,यह सही है क्यों कि हमारे देश के नवयुवक स्वतंत्रा के आधार पर आगे बाद सकते हैं। हर देश सन 2020 तक 40 से अधिक के आयु का होगा तो मेरा देश 25 साल की आयु का होगा। क्यों की हर देश अपने बुढ़ापे की तरफ है पर मेरा देश नवयुग की अवस्था में है।प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने तिलक जी के स्वराज घोष के 101 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में कहा कि कार्यक्रम की अध्यक्षता कऱ रहे प्रदेश के राज्यपाल माननीय रामनाईक जी का आभार प्रकट करता हूँ की जो आज तिलक जी के उद्घोष पर इतना बड़ा कार्यक्रम करने में सहयोग प्रदान किये। ऐसे समारोह करने के बाद ऐसा सौभग्य दिन हम लोगो के सामने आये जहा पर दो प्रदेशों की संस्कृति को मिलाने का सुभाग्य मिला इस अवसर पर महाराष्ट्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जी के आगमन के बाद दो जगह की संस्कृति जोड़ने की पहल में एमएयू पर हस्ताक्षर हुआ।इससे दो राज्यों की संस्कृति ही नहीं बल्कि सभ्यता और राज्य से जुड़े महापुरषों के द्वारा स्वतंत्र भारत बनाने में दिए गए सहयोग की इतिहास को भी जानने का अवसर प्रदान होगा।
तिलक जी के सहयोग को लेकर आगे बताया कि आज जिस स्वतंत्र देश में रह रहे है और देश को स्वतंत्र देश बनाने में तिलक जी का सहयोग बहुत बड़ा रहा हैं उनके सहयोग से सन 1857 में एक जन आंदोलन के आधार पर स्वराज देश की स्थापना की थी। स्वंत्रता को लेकर कहा की भारत का संविधान व्यक्ति के स्वतंत्रता के आधार पर ही बनाई गई है जिसका दायरा सिमित है। इसीलिए की व्यक्ति स्वतंत्रता के खिलाफ कोई कार्य करता है वह तिलक जी स्वराज देश व स्वतंत्रता का हनन करता हैं। इसीलिए व्यक्ति हो संविधान के दायरे में रहकर ही कोई कार्य करना चाहिए।
आगे पिछली सरकार पर तंज कस्ते हुए कहा कि महाराष्ट्र प्रदेश उत्तर प्रदेश की स्थापना दिवस मनाता रहा है पर पिछली सरकार ने अभी तक अपने ही इतिहास को जानने व समझने की कोशिश न नहीं की जिसकी वजह से प्रदेश की स्थापना दिवस मनाने से परे रहे। पर हम माननीय राज्यपाल जी के सहयोग से 24 जनवरी को प्रदेश की स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाएगा।