संबंधित विभाग प्रोजेक्ट प्रोफाइल तैयार करके तत्काल उपलब्ध करायें
ं-औद्योगिक विकास मंत्री
सुरेन्द्र अग्निहोत्री,लखनऊ 29 दिसम्बर , 2017
प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री श्री सतीश महाना ने कहा है कि राज्य सरकार प्रदेश में पूँजी निवेश को प्रोत्साहन देने, रोजगार के व्यापक अवसर सृजित करने तथा प्रदेश के सभी क्षेत्रों में उद्यमियों को विभिन्न ईकाइयों की स्थापना के लिए बढ़ावा देने हेतु कृत संकल्प है। हाल ही में देश विभिन्न राज्यों में आयोजित रोड-शो के अत्यंत ही सकारात्मक परिणाम मिले हैं। प्रतिष्ठित औद्योगिक घरानों द्वारा उत्तर प्रदेश में स्वयं ही निवेश इच्छा व्यक्त की गयी है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा राज्य में अवस्थापना सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए प्रभावी कदम उठाये जाने और कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के कारण ही उद्यमियों ने प्रदेश में आकर निवेश करने की इच्छा जताई है।
श्री महाना आज यहाँ इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में फरवरी, 2018 में होने वाली इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन की तैयारियों के अन्तर्गत शहर की सफाई एवं सौन्दर्यीकरण,समिति, आतिथ्य समिति एवं मीडिया समिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने अवगत कराया कि विभिन्न रोड-शो में उद्यमियों द्वारा लगभग 2.53 लाख करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव मिले हैं। दिल्ली में आयोजित रोड-शो में 27 हजार करोड़ रुपये, बंगलौर के रोड-शो में 6 हजार करोड़ रुपये, हैदराबाद के रोड-शो में 11 हजार पांच सौ करोड़ रुपये तथा मुम्बई के रोड-शो में 1.25 लाख करोड़ रुपये का निवेश किये जाने के प्रस्ताव विभिन्न औद्योगिक घरानों तथा उद्यमियों ने दिये हैं। उन्होंने कहा कि पांच जनवरी को कोलकाता में तथा इसके उपरान्त अहमदाबाद में रोड-शो का आयोजन किया जायेगा, जिसमें भी अच्छे परिणाम मिलने की आशा है। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि मुम्बई में रोड-शो के उपरान्त मा0 मुख्यमंत्री जी के साथ बैंकों के प्रतिनिधियों की वार्ता हुई जो काफी सफल रही। बैंकों के प्रतिनिधियों ने उत्तर प्रदेश को हरसम्भव सहयोग करने के प्रति आश्वस्त किया। इस समिट में देश एवं विदेश से बड़ी संख्या में उद्योगपतियों के शामिल होने की सम्भावना है।
औद्योगिक विकास मंत्री ने सभी विभागों के प्रमुखों को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने विभागों के प्रोजेक्ट प्रोफाइल तैयार करके औद्योगिक विकास आयुक्त को तत्काल उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि इस समिट में देश के ही नहीं बल्कि अन्तर्राष्ट्रीय निवेशक भी प्रतिभाग करेंगे। समिट के कन्ट्री पार्टनर नीदरलैण्ड, फिनलैण्ड तथा चेकगणराज्य की सहमति प्राप्त हो चुकी है। इसके साथ ही भारत स्थित विभिन्न दूतावासों द्वारा भी समिट में प्रतिभाग किया जायेगा। उन्होंने सभी विभागों को यह भी निर्देश दिया कि इन्वेस्टर्स समिट के मद्देनजर इस आयोजन को फोकस करके लोगों को इसके बारे में विस्तार से जानकारी भी दी जाए। उन्होंने कहा कि समिट में प्रतिभाग करने वाले विभाग सभी आवश्यक व्यवस्थाएँ गुणात्मक ढंग से शीघ्र ही पूरा कर लें, ताकि बाद में कोई कठिनाई न हो।
औद्योगिक विकास आयुक्त श्री अनूप चन्द्र पाण्डेय ने सफाई व्यवस्था एवं सौन्दर्यीकरण, आतिथ समिति एवं मीडिया समिति के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि सम्बंधित विभाग अपने-अपने स्तर से बैठक कर आवश्यक व्यवस्थाएँ समय से सुनिश्चित करें। उन्होंने अवगत कराया कि आई.टी., खाद्य प्रसंस्करण, वैकल्पिक ऊर्जा, ऊर्जा, टेक्सटाइल, औद्योगिक विकास, पशुधन, दुग्ध विकास, पर्यटन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, परिवहन, सिंचाई एवं फिल्म के क्षेत्र में निवेशकों द्वारा रूचि प्रदर्शित की गयी है। उन्होंने कहा कि कौशल विकास के लिए एक विशेष सत्र अलग से रखा जाएगा। इस कौशल विकास के क्षेत्र में अनेक उद्यमियों ने अपनी रूचि प्रदर्शित की है। उन्होंने बताया कि कुल 12 सत्र आयोजित होंगे। इस समिट के मुख्य पार्टनर फिक्की और भारतीय उद्योग परिसंघ हैं। इसके अलावा आई.आई.टी. एवं आई.आई.एम. को भी विशेष पार्टनर के रूप में रखा गया है।
श्री पाण्डेय ने कहा कि समिट में देश एवं विदेश के उद्योगपतियों, निवेशकों, विभिन्न देशों के राजदूतों के अलावा बड़ी संख्या में केन्द्रीय मंत्रिगण भी भाग लेंगे। उन्होंने समीक्षा बैठक के माध्यम से जिलाधिकारियों को भी निर्देशित किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में 21 एवं 22 फरवरी, 2018 को आयोजित इन्वेस्टर्स समिट का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करें। साथ ही इसमें भाग लेने के लिए अपने-अपने क्षेत्रों से उद्यमियों को प्रेरित भी करें।
इस समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव, औद्योगिक विकास, श्री आलोक सिन्हा, प्रमुख सचिव खादी एवं ग्रामोद्योग श्री नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव, पर्यटन एवं सूचना श्री अवनीश अवस्थी केे अलावा उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग, नगर विकास, ऊर्जा, नागरिक उड्डयन, पशुपालन, लोकनिर्माण, व्यवसायिक शिक्षा विभाग सहित अन्य विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।