लखनऊ- 28दिसम्बर 2017, उप कृषि निदेशक (कृषि रक्षा) लखनऊ मण्डल लखनऊ डा0शिवकुमार केसरी ने बताया कि गेहॅंू में खरपतवार गेहॅूंसा एवं चैड़ी पत्ती खरपतवार नियंत्रण हेतु सल्फोसलफ्यून 75 प्रतिशत एवं मेट सलफ्यूरान मिथाईल 20 प्रतिशत की एक एक यूनिट प्रति एकड अथवा क्लोडिनोफास प्रोपार्जिल 15 प्रतिशत$मेट सलफ्यूरान मिथाईल 1 प्रतिशत क्लोडिनोफापप्रोपार्जिल 9 प्रतिशत$मेट्रीव्यूजिल 20 प्रतिशतडब्ल्यू0पी0 का छिडकाव पहली सिचाई के वाद एवं बुवाई से 35 दिन के पहले कराये।
उन्होने बताया कि सरसों की फसल में कोहरे से बचाव के लिए एक हल्की सिचाई 30 दिन के वाद करें, तथा आल्टरनेरियाा व्लाइट, सफेद कीटरोग/ झुलसा तथा तुलसिका रोग से बचाव हेतु 2.0 से 2.5 किग्रा कापरआक्सीक्लोराइट का छिडकाव करें माहू कीट रोग की निगरानी करते रहें। उन्होने बताया कि दलहनी फसलों जैसे चना, मसूर एवं मटर पाउड्री मिलउयू अरोती मटर में फली वेधक कीट कटुआ कीट की निगरानी कर प्रकोप होने की दशा में पाउन्ड्री मिलडय हेतु घुलनसील गन्धक 3 किग्रा तथा कार्विन्डाजिम 500 ग्राम का छिडकाव कराकर नियंत्रण करें।
उन्होने बताया कि चना फसल में रोग नियंत्रण हेतु टाइकोडर्मा 2 कि0ग्र0प्रति हे0 छिडकाव करें। चने की फली वेधक एवं सेमीलूपर कीट के नियंत्रण हेतु क्यूनालफाॅस 25 प्रति एवं मैलाथियान 50 प्रति का 2 लीटर की दर से छिडकाव करें। उन्होने बताया कि आलू फसल में प्रमुख कीट/रोगमाहूचेपा, पाद फुदका (लीफ हापर्स) लगता है इसके नियंत्रण हेतु मोनोकोटोफाॅस 1.2 लीटर तथा डेमेटान 25 प्रति0 1 लीटर की दर से छिडकाव करें तथा अमोती एवं विछौती झुलसा, मुजैक के नियंत्रण हेतु जिनेव 75 प्रति0 का 2.5 किग्रा एवं डाइमेथोएट 1 लीटर की दर से प्रति हेक्ट0 छिडकाव कर कीट/रोग का नियंत्रण करें।