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राजभवन में पूर्व राज्यपाल बी0एल0 जोशी की शोक सभा का आयोजन

Posted on 24 December 2017 by admin

राज्यपाल श्री नाईक सहित अन्य अधिकारियों ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की
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जोशी जी की बातों से उनकी सभ्यता झलकती थी - श्री नाईक
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लखनऊ 24 दिसम्बर, 2017dsc_9486
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने आज राजभवन में आयोजित एक शोक सभा में पूर्व राज्यपाल स्व0 बी0एल0 जोशी को अपनी एवं प्रदेश की जनता की ओर से श्रद्धांजलि दी तथा शोक प्रस्ताव पढ़ा। शोक सभा में प्रमुख सचिव श्री राज्यपाल सुश्री जूथिका पाटणकर, सचिव श्री चन्द्र प्रकाश सहित राजभवन के समस्त अधिकारी, कर्मचारी तथा सुरक्षा कर्मचारियों ने दो मिनट का मौन रखकर स्व0 बी0एल0 जोशी की आत्मा की शांति की कामना की। पूर्व राज्यपाल स्व0 जोशी के प्रति शोक प्रकट करने हेतु राजभवन में झण्डा आधा झुका रहा।
ज्ञातव्य है कि 22 दिसम्बर, 2017 को श्री बी0एल0 जोशी का निधन दिल्ली में हुआ था तथा जयपुर के चांदपोल मोक्षधाम में आज उनका अंतिम संस्कार किया गया। श्री नाईक ने उनके परिजनों से दूरभाष पर वार्ता करके सांत्वना भी दी।
राज्यपाल ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि श्री जोशी एक विनम्र एवं सौम्य व्यक्तित्व वाले व्यक्ति थे। उनसे मिलने वाला व्यक्ति उनके व्यवहार एवं कार्यशैली से प्रभावित होता था। उन्हें लम्बा प्रशासनिक कार्य का अनुभव था। श्री जोशी ने दिल्ली का उप राज्यपाल, मेघालय एवं उत्तराखण्ड के राज्यपाल पद पर रहने के बाद 28 जुलाई, 2009 को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल पद की शपथ ग्रहण की थी।
श्री नाईक ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लोगों से उनके बारे में जानकर लगता है कि संबंध बनाकर रखना श्री जोशी की विशेषता थी। राज्यपाल ने बताया कि 2014 में जब उन्हें राजस्थान के राज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार मिला था तब उनकी श्री जोशी से राजभवन राजस्थान में भेंट हुई थी। श्री जोशी ने उनसे अपने राजभवन के अनुभवों को भी साझा किया था। राज्यपाल ने कहा कि श्री जोशी से हुई मात्र कुछ समय की भेंट में ही उनके शालीन व्यवहार से उनके व्यक्तित्व का परिचय प्राप्त हो गया था। श्री जोशी की बातों से उनकी सभ्यता झलकती थी। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्ति का निधन समाज की अपूरणीय क्षति है।
शोक सभा में राजभवन के सहायक निदेशक सूचना श्री अंजुम नकवी ने श्री जोशी के साथ के अपने अनुभवों को साझा करते हुए उनकी कार्यशैली के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि राजभवन में परम्परागत आयोजनों पर निराश्रित बच्चों को बुलाने की शुरूआत श्री जोशी जी द्वारा की गयी थी जो आज भी जारी है।

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