-उत्तर प्रदेश संगठित अपराध नियत्रंण कानून के विरोधियों को आत्मचिन्तन की आवश्यकता
लखनऊ 23 दिसम्बर 2017, भारतीय जनता पार्टी ने विपक्ष द्वारा यूपीकोका के विरोध को अपराध मुक्त उत्तर प्रदेश के लिए उठाए गए सकारात्मक कदम का विरोध करार दिया। प्रदेश अध्यक्ष डा0 महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने कहा कि विपक्ष द्वारा मीडिया को यूपीकोका का बेबुनियाद डर दिखाने वालों को यह पता नहीं है कि भाजपा के मूल विचार में मीडिया की स्वतंत्रता और सम्मान में लोकतंत्र की मजबूती निहित है।
प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने कहा कि यूपी कोका उत्तर प्रदेश को संगठित अपराध से मुक्त करने के लिए लाया जा रहा सशक्त कानून है। इसमें नकली दवाओं के कारोबार, भूमाफिया, अवैध खनन के काम जुटे तंत्र का ताना-बाना तोड़ने की मजबूत पहल है। विपक्ष द्वारा यूपीकोका का विरोध हास्यास्पद है और उससे भी हास्यास्पद है विपक्ष द्वारा काल्पनिक भय से मीडिया बंन्धुओं को डराने का प्रयास करना।
श्री पाण्डेय ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ता में प्रशिक्षण द्वारा मीडिया का सम्मान करना और शिष्टाचार संस्कारों में पिरोया जाता है। जनसंघ के समय से ही कांग्रेस के अहंकार और दमन के विरूद्ध मीडिया के सहयोग से ही लोकतंत्र की रक्षा सम्भव हो सकी। भाजपा का शुरू से ही मत है कि लोकतंत्र की खुशहाली और मजबूती के लिए मीडिया का मजबूत होना जरूरी है। ऐेसे में भाजपा द्वारा किंचित मात्र भी मीडिया का अहित होना काल्पनिक भय ग्रस्त लोंगो के मस्तिष्क की उपज ही हो सकती है।
यूपीकोका की तर्ज पर अन्य राज्यों में भी कानून है, जो संगठित अपराध रोकने में कारगर साबित हुए है। संगठित अपराध और अपराधियों के राजनीतिक आकाओं को कानून के शिंकजे में फंसने का डर ही यूपीकोका के विरोध की वजह हो सकता है। डाॅ0 पाण्डेय ने कहा कि उत्तर प्रदेश की खुशहाली तथा समृद्धि के लिए भयमुक्त व अपराध मुक्त प्रदेश का स्वप्न साकार करना हमारी प्राथमिकता है। हमारे नेतृत्व ने उत्तर प्रदेश की सम्मानित जनता से अपराध मुक्त उत्तर प्रदेश का भरोसा दिया है जिसे आदरणीय योगी जी की सरकार ने पूरा करने की दिशा में कारगर कदम उठाया है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी कहा कि आज यूपीकोका के काला कानून बताने वाले विपक्षी दल के मित्र जिनके साथ खडे है उनका रिकार्ड ही देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों के हनन का रहा है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि हम चुनौती पूर्वक यह कह सकते है कि भाजपा शासित किसी भी प्रदेश की सरकार में नागरिक अधिकारों का हनन नहीं हुआ है और न ही किसी कानून का दुरूपयोग हुआ है। जो लोग भी इस कानून का विरोध कर रहे है उनको आत्मचिन्तन की आवश्यकता है।