लखनऊ, महाराष्ट् के मकोका की तर्ज पर उत्तरप्रदेश में संगठित अपराध पर नियंत्रण पाने के लिए लाए जा रहे यूपीकोका पर विधानसभा में बोलते हुए उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य में पिछले 9 महीने में भय मुक्त वातावरण बनाने की कोशिश की जा रही है, जिसमें सफलता भी मिली है। राज्य में संगठित अपराध के खिलाफ सख्त क़ानून की ज़रूरत है। दुर्भाग्य से पिछले कुछ सालों में अपराध का जो मकड़जाल पैदा हुआ था और जो राजनीति थी उससे राज्य की छवि ख़राब हुई है। राज्य में भय का वातावरण था। यहां तक कि कोई निवेशक राज्य में आने को तैयार नहीं था। अब स्थिति बदल रही है। उद्योगपति अब राज्य में निवेश को उत्सुक हैं। वो यहां अपनी रुचि दिखा रहे हैं।
मुख्य्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य में पिछले 9 महीने में भय मुक्त वातावरण बनाने की कोशिश की जा रही है, जिसमें सफलता भी मिली है। राज्य में संगठित अपराध के खिलाफ सख्त क़ानून की ज़रूरत है। दुर्भाग्य से पिछले कुछ सालों में अपराध का जो मकड़जाल पैदा हुआ था और जो राजनीति थी उससे राज्य की छवि ख़राब हुईयोगी ने कहा की राज्य में भाजपा की सरकार आने के बाद हर धर्म के लोगों ने अपना त्योहार बिना भेदभाव के शांतिपूर्ण ढंग से मनाया है। आमलोग शांति विकास चाहते हैं, सरकार से सुरक्षा की गारंटी चाहता हैं।
योगी ने कहा कि बिगड़ी हुई कानून व्यवस्था है तो परिणाम आने में देर हो सकती है। सरकार किसी माफ़िया या अपराधी को सरेआम गोली मारने की इजाजत नहीं दे सकती। अपराधियों के मुठभेड़ में मारे जाने के सकारात्मक परिणाम आए हैं।
योगी ने कहा कि राज्य सरकार के अपराधियों के खिलाफ कड़े रुख के कारण 2,700 से ज्यादा अपराधियों ने समर्पण किया और ज़मानत निरस्त करायीऔर कुछ अपराधी बाहर भाग गए। अब कोर्ट से अनुमति सरकार को मिली है। तीन हजार दरोगा की भर्ती चल रही है। तीन साल में सारे खली पदों को सरकार भर देगी।
इस मामले पर विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए योगी ने कहा कि क़ानून व्यवस्था पर सरकार को बदनाम करने के लिए विपक्ष वॉकआउट करता है। अगर आप ही क़ानून का विरोध करेंगे तो कैसे चलेगा। हम प्रतिशोध की भावना से नहीं आए हैं। ये अपमान है कि हमारी मंशा पर शक करें। ये अपमान है दलितों और पिछड़ों का। अपराध कोई ग़रीब नहीं करता है। अपराधी अपराध करता है। इस विधेयक का दुरुपयोग होने की सम्भावना नहीं, पर फिर भी गारंटी है कि सरकार इस तरह का दुरुपयोग होने नहीं देगी। पिछले नौ महीने में एक भी राजनीतिक दुर्भावना की शिकायत नहीं है और इस नये कानून में एडीजी के अनुमोदन के बाद चार्जशीट दाखिल होगी और इंसपेक्टर की जांच और रेंज के अधिकारी और आयुक्त के अनुमोदन के बाद प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री