लखनऊः 18 दिसम्बर, 2017
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में स्थित 14 विश्वविद्यालयों में दीन दयाल उपाध्याय शोधपीठ की स्थापना हेतु 700 लाख रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है। जिसमें से प्रथम किश्त के रूप में 350 लाख रुपये की धनराशि शोधपीठ की स्थापना हेतु वित्तीय वर्ष 2017-18 में खर्च किया जायेगा।
यह जानकारी उप सचिव उत्तर प्रदेश शासन श्री कृष्ण चन्द्र राय शर्मा ने जारी एक शासनादेश में दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 14 विश्वविद्यालयों यथा महात्मा ज्योतिबाफुले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय बरेली, डा0 भीमराव अम्बेडकर विश्विद्यालय आगरा, छात्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर, डा0 राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय फैजाबाद, चैधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ, महात्मा गांधी काशी विद्या पीठ वाराणसी सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी, बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय झांसी, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर, वीर बहादुर सिंह विश्वविद्यालय जौनपुर, ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती उर्दू अरबी फारसी विश्वविद्यालय लखनऊ, सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु सिद्धार्थ नगर, इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय इलाहाबाद, जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया में पं0 दीन दयाल उपाध्याय शोध पीठ स्थापित किये जाने हेतु वर्तमान वत्तीय वर्ष 2017-18 में 14 विश्वविद्यालयों में से प्रत्येक विश्वविद्यालय के लिए प्राविधानित कुल धनराशि 50 लाख रुपये में से प्रथम किश्त के रूप में प्रति विश्वविद्यालय 25 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान कर दिया है।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में पं0 दीन दयाल उपाध्याय शोध पीठ की स्थापना हेतु प्राविधानित धनराशि 50 लाख रुपये की 50 प्रतिशत धनराशि से शोध कार्यों हेतु निधि की स्थापना की जायेगी, जिससे अर्जित होने वाले ब्याज से आगामी वर्षों में पं0 दीन दयाल उपाध्याय के व्यक्तित्व एवं कृतित्व व चिंतन के संबंध में सेमिनार/वर्कशाप/सिम्पोजियम का आयोजन किया जायेगा तथा 10 प्रतिशत धनराशि का उपयोग शोध पीठ की स्थापना हेतु पुस्तकों के क्रय व शोध पत्रों के प्रकाशन पर किया जायेगा। शेष 40 प्रतिशत धनराशि विश्वविद्यालय द्वारा पं0 दीन दयाल उपाध्याय शोध पीठ की स्थापना के लिए प्राथमिकताएं निर्धारित कर आवश्यक मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं पर नियमानुसार व्यय की जायेगी।