सुरेन्द्र अग्निहोत्री, लखनऊ, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि युवाओं को नौकरी के बजाय खुद अपने कारोबार पर ज़ोर देना चाहिए। लखनऊ में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्व विद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति ने कहा कि नौकरी में सीमा तय कर दी जाती है जबकि निजी कारोबार में व्यक्ति प्रतिभा के अनुरूप कितना भी विकास कर सकता है। वाट्सएप के संस्थापक ब्रायन एक्टन का उदाहरण देते हुए श्री कोविंद ने कहा कि उन्हें जिस फेसबुक ने नौकरी नहीं दी उसी ने ऊंची कीमत पर उनका वाट्सएप खरीदा।
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्व विद्यालय ने सामाजिक सरोकारों से जुड़े कई कदम उठाए हैं। उन्होने विश्व विद्यालय के पूर्व छात्रों का एक सेल बनाने का भी आग्रह किया, इस सेल के जरिये विश्व विद्यालय के छात्र पूर्व छात्रों का अनुभव साझा कर सकेंगे और उनका समर्थन हासिल कर सकेंगे।राष्ट्रपति ने छात्रों से समता और न्याय पर आधारित समाज के निर्माण में योगदान का आहवाहन किया। उन्होने कहा कि जब देश विकसित होगा, सबका विकास होगा। लखनऊ की तहजीब की प्रशंसा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इसमे सभी को आदर देने की भावना निहित है।
उन्होने कहा कि लखनऊ से बाबा साहब अंबेडकर का खास रिश्ता रहा है। उन्हें दीक्षा देने वाले भदंत प्रज्ञानन्द जी यहीं के थे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए श्री कोविंद ने कहा कि लखनऊ ने उन्हे अपना प्रतिनिधि चुना। सरदार वल्लभ भाई पटेल का भी आज उनकी पुण्य तिथि पर श्री कोविंद ने स्मरण किया।
श्री कोविंद ने कहा कि इस विश्व विद्यालय के साथ उनका बड़ा पुराना संबंध है। जब वे राज्य सभा के सदस्य थे इस विश्व विद्यालय की प्रबंध समिति में भी सदस्य हुआ करते थे। श्री कोविंद ने कहा कि आज विशाल वृक्ष के रूप में परिणित इस विश्व विद्यालय को देखकर उन्हें अपार हर्ष हो रहा है। उन्होने कहा कि आज बेटियां तरक्की की राह पर आगे हैं। उन्होने कहा की बाबा साहब समानता की बात करते थे लेकिन बेटियां हर क्षेत्र में बढ़चढ़ कर योगदान कर रही हैं।
प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि आज के कड़ी स्पर्धा के युग में युवा को मेहनत करने की आवश्यकता है। चरेवेति- चरेवेति का मंत्र देते हुए श्री राम नाईक ने छात्रों से कहा कि वे असफलता पर निराश न हों बल्कि अपना परीक्षण करें और आगे बढ़ें। उन्होने कहा कि किसी भी छात्र के जीवन में दीक्षांत समारोह का विशेष महत्व होता है। यह वह पड़ाव है जहां किताब की पढ़ाई समाप्त हो जाती है और जीवन की लड़ाई शुरू होती है। राज्यपाल ने उल्लेखनीय कामयाबी के लिए छात्राओं का विशेष रूप से अभिनंदन किया।
इससे पूर्व कुलपति प्रोफेसर सोबती ने अतिथियों का स्वागत करते हुए विश्व विद्यालय द्वारा किए गए विशेष कार्यों का ब्योरा दिया। कार्यक्रम में राष्ट्रपति की पत्नी और देश की प्रथम महिला नागरिक श्रीमती सविता कोविंद, प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन, न्यायाधीश प्रमोद कोहली और विश्व विद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष डॉ वीएस चौहान खास तौर पर मौजूद रहे।
दीक्षांत समारोह में 566 छात्राओं सहित कुल 1079 विद्यार्थियों को उपाधि दी गई। तथा 122 छात्राओं और 70 छात्रों को पदक दिए गए।