लखनऊः 13 दिसम्बर, 2017
उत्तर प्रदेश सरकार ने सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यमों को प्रोत्साहित करके उद्योग के क्षेत्र में 15 प्रतिशत वार्षिक विकास दर प्राप्त करने का लक्ष्य रखते हुए रोजगार के बहुतायत अवसर सृजित करने के लिए नई एम.एस.एम.ई.-2017 नीति जारी की है। इसके पूर्व बड़े उद्योगों को प्रोत्साहित करने तथा अधिक से अधिक रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 जारी की गयी थी।
यह जानकारी उद्यम निर्यात प्रोत्साहन मंत्री श्री सत्यदेव पचैरी ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने इस नीति के तहत रोजगार सृजन की वार्षिक विकास दर का लक्ष्य 15 प्रतिशत रखते हुए उद्यमियों महिलाओं के लिए विशेष प्रोत्साहन देने की भी व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही हर जनपद में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम इकाईयों को प्रोत्साहित करने के लिए एक जनपद एक उत्पाद अवधारणा विकसित की जायेगी। प्रदेश के उत्पादों की राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने के लिए आवश्यक कार्यवाही की जायेगी।
नई नीति के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए श्री पचैरी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के विकास हेतु ग्राम सभा की उपलब्ध भूमि को औद्योगिक काम्पलेक्स के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जायेगा। इस हेतु ग्राम सभाओं की 10 एकड़ से अधिक की भूमि चिन्हित कर उद्योग निदेशालय को पुनग्रहीत कर निःशुल्क ट्रांसफर की जायेगी। जिस ग्राम की भूमि पुनग्रहीत की जायेगी उस ग्राम के उद्यमियों को भूखण्ड आवंटन में प्राथमिकता दी जायेगी।
नीति के तहत एक्सप्रेस-वे या अन्य काॅरीडोर्स में पांच किलोमीटर के अन्तर्गत विकसित होने वाले औद्योगिक आस्थान में 50 प्रतिशत भूखण्ड सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्यम हेतु आरक्षित होंगे। विकास प्राधिकरणों के अन्तर्गत आने वाली कृषि भूमि के भूउपयोग औद्योगिक में परिवर्तन कराने पर एम0एस0एम0ई की ईकाईयां परिवर्तन शुल्क से मुक्त रहेंगी तथा औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित किए गए औद्योगिक क्षेत्र में कम से कम तीस प्रतिशत क्षेत्रफल एम0एस0एम0 के उद्योगों के लिए आरक्षित होंगे।
श्री पचैरी ने बताया कि प्रदेश के शिक्षित बेरोजगार युवकों के लिए उद्योग तथा उद्यम स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना शुरू की जायेगी। इसके अन्तर्गत मार्जिन मनी, अनुदान एवं ब्याज अनुदान सुलभ कराते हुए उनकी योजनाओं को जरूरत के मुताबिक प्रधानमंत्री मुद्रा योजना अथवा स्टैण्डअप-इण्डिया योजना के साथ जोड़ा जायेगा। पूर्वांचल, मध्यांचल एवं बुन्देलखण्ड में क्रियान्वित होने वाली उत्तर प्रदेश लघु एवं मध्यम उद्योग ब्याज उपादान योजना के अन्तर्गत 20 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं होंगी।
निर्यात प्रोत्साहन मंत्री ने कहा कि एम.एस.एम.ई. उद्योगों के लिए तिथि से 5 वर्ष तक एक रुपये प्रति यूनिट की दर से विद्युत मूलय की भरपाई की जायेगी। इसके लिए उद्यमियों की समस्याओं के समाधान के लिए वेब आधारित आन लाईन पोर्टल की व्यवस्था एवं काॅल सेन्टर प्रणाली विकसित की जा रही है। सभी स्वीकृतियाँ, अनुमोदन तथा अनुमति संबंधी प्रक्रिया उद्यमियांे के लिए आॅन लाइन प्रदान की जायेंगी।
श्री पचैरी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि बहुआयामी नीति का क्रियान्वयन तेजी से किया जाय जिससे उद्यामें की स्थापना एवं रोजगार सृजन व वार्षिक विकास दर के निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।